क्या किसानों की कृषि भूमि रौंद कर पार्क बनाएगी नगरपरिषद ,170 वर्ष पुरानी कृषि भूमि पर बरगवां अमलाई नगरपरिषद की नजर,बरगवां अमलाई नगरपरिषद में हिटलरशाही जारी इंजीनियर ठेकेदार एवं नेताओ की धमकी जारी

अनूपपुर।जहां एक ओर सरकार जिला प्रशासन किसानों के लिए नित नए योजनाओं को लाती है उनके हित मे कार्य करने का पूरा वचन देती है वही बरगवां अमलाई नगरपरिषद में किसानों के साथ उनकी कृषि भूमि लेने के  लिए षड्यंत्र रचते हुए उनकी जमीन को बार बार नापने का प्रयास किया जाता है।विदित हो कि हनुमान मंदिर के सामने बरगवां मूल के पुश्तैनी निवासी स्वर्गीय रामगणेश मिश्रा गौतम उनके पुत्र अवधेश प्रसाद गौतम उनकी पत्नी स्वर्गीय शांति देवी मिश्रा गौतम 170 वर्षो से कृषि कार्य करते आये है।ज्ञात हो कि शांति देवी मिश्रा का 3 जनवरी 2025 को निधन हो गया और उनके निधन के बाद नोटिस दिया गया जब न दशगात्र हुआ और न ही तेरहवीं उनके बिना इजाजत के सर्वेसेटलमेंट के केंद्र बिंदु से जमीन का सीमांकन न कर गलत तरीके से जमीन नापते हुए कृषि भूमि को नापने के प्रयास किया गया और नगरपरिषद अपनी निगाहे किसानों की भूमि जमाये हुए है।बरगवां में 170 वर्ष पुरानी जमीन का न आज तक कोई नोटिस आया न ही कोई दबाव आया क्योंकि कृषि भूमि 1975 सर्वेबन्दोबस्ति में भी रिकार्ड में है और 170 सालों से खेती कार्य किया गया है शांति देवी मिश्रा के निधन होते ही उनके बिना सहमति के जबरन तरीक़े से जमीन नापने का कार्य किया गया।

जितना पुराना बरगवां का इतिहास उतनी पुरानी कृषि भूमि

बरगवां में कृषि भूमि का इतिहास बरगवां के पुराने एवं पुश्तैनी बशिन्दों का है जो 500 वर्षो ने निवासरत है जो कि आज नहीं 170 मम वर्षों से अपना कृषि कार्य करते आ रहे हैं शांति देवी मिश्रा और उनके पुराने पुस्तों पुस्त के द्वारा हनुमान मंदिर के सामने कृषि कार्य किया जाता रहा है और वही उनके जीवन का आधार रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ लोगो द्वारा द्वेष पूर्ण तरीके से किसानों की भूमि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करने पूरे जुगाड़ में है। शांति देवी मिश्रा के खेत का उतना ही पुराना इतिहास है जितना पुराना बरगवां गांव का इतिहास है और काफी लंबे समय से यहां पर कृषि भूमि है चौगद्दी है खेत मेढ़ है जिनकी मिट्टी परीक्षण भी कराई जा सकती है।की कितनी पुरानी जमीन है जबकि औरों की बात करें यहां बेवजा कब्जा बनाये हुए जिसका कोई न रिकार्ड है न इतिहास है बरगवां के मूल निवासी शांति मिश्रा के जमीन में लगभग कई बैगा परिवारों द्वारा अधिया में कृषि कार्य भी कर अपना जीविकोपार्जन का माध्यम बनाया और किसानी किया जिसका 170 वर्ष पुराना रिकार्ड रहा है।

ठेकेदारों एवं भूमाफियाओं की मिलिभगत

बरगवां में बहुत सी ऐसी शासकीय जमीन है जिस पर पूरी तरह से तहकीकात अगर किया जाए तो किसी के मकान तो किसी के दुकान तने हुए हैं साथ ही कई ऐसे जमीन है जिस पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है जिसका ना कोई इतिहास है ना कोई पता है। लेकिन कुछ ठेकेदारों एवं भूमाफियाओं के द्वारा किसानों की जमीन पर पार्क बनाने के नाम पर रोज कोई ना कोई धमकी एवं दबंगई दिखाई जा रही है। इन दिनों विकास के नाम पर लोगों के साथ व्यक्तिगत द्वेष रखते हुए उनके जमीन एवं खेतों को नुकसान पहुंचाने का सपना संजोए हुए तथाकथित नेताओं द्वारा भर्षक प्रयास किया जा रहा है जिसमें गांव के कुछ लोगो को मिलाकर जल्द से जल्द राशि का बंदरबाट करने के जुगाड़ में है।

नही होने दिया जाएगा कृषि भूमि में कोई निर्माण

बरगवां गांव के वरिष्ठजनों का कहना है कि अगर नगरपरिषद अपने हिटलरशाही से बाज नही आई तो आंदोलन होगा और कृषि भूमि में कोई निर्माण नही होने दिया जाएगा।170 वर्ष पुरानी भूमि जिसपर शांति देवी मिश्रा एवं उनके पूर्वजों द्वारा खेती की जा रही जिसका एक एक व्यक्ति बूढ़े बच्चे तक जानते है लेकिन कुछ तथाकथित लोगो ने कृषि भूमि में धमकी डर पैदा करके जमीन लेने का जुगाड़ बनाये हुए है जिसका पूरा बरगवां विरोध  करता है।

कलेक्टर से किसानों ने लगाई गुहार 

कृषि भूमि पर पार्क बनाने को लेकर 170 वर्ष पुराने कृषकों ने न्याय की गुहार लगाई है।जिसको लेकर कलेक्टर ने कहा है कि इस मामले को जल्द दिखाते है वही नगरपरिषद के इंजीनियर अपने दादागिरी से किसानों को डरा धमका रहे है ठेकेदार पर जबरन प्रेशर बनाने का कार्य करते है बार बार मृतक शांति देवी मिश्रा एवं उनके परिवार को टार्चर किया जा रहा है।सरकार जहा एक ओर किसान हितैसी बात करती है वही बरगवां अमलाई नगरपरिषद को किसानों की जमीन विकास का मुद्दा दिखता है।