हनुमान मंदिर खोड़री नंबर 1 में 551 दीप प्रज्वलित कर दिवाली मनाई गई
कोतमा। दीपावली के पावन पर्व पर कहते हैं कि जब भगवान श्री राम लंका के राजा रावण का वध कर पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे थे तो उसी दिन पूरी अयोध्या नगरी दीपों से जगमगा रही थी भगवान 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या आगमन पर दिवाली मनाई गई कहा जाता है कि ‘दीपदान’ से शारीरिक एवं आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। जहां सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंच सकता है, वहां दीपक का प्रकाश पहुंच जाता है। दीपक को सूर्य का भाग ‘सूर्यांश संभवो दीपरू’ कहा जाता है धार्मिक पुस्तक ‘स्कंद पुराण’ के अनुसार दीपक का जन्म यज्ञ से हुआ है। यज्ञ देवताओं और मनुष्य के मध्य संवाद साधने का माध्यम है। यज्ञ की अग्नि से जन्मे दीपक पूजा का महत्वपूर्ण भाग है। इसलिए दीपावली में दीप जलाया जाता है ऐसा ही दीप प्रज्वलित जनपद पंचायत अनूपपुर के अंतर्गत खोड़री न 01 हनुमान मंदिर में 551 दीप जलाकर दिवाली मनाया गया जहां 551 दीप प्रज्वलित होने से हनुमान मंदिर प्रांगण मे ऐसा लगता रहा की सूर्य की किरण साक्षात मंदिर पर पड़ रही हो दीप से जगमगाती प्रकाश से मंदिर के आसपास कई मीटर तक प्रकाश गतिमान रहा इस प्रकार दीप प्रज्वलित कार्यक्रम में उपस्थित नवयुवक ऊर्जावान कार्यकर्ता विपिन जायसवाल, अंकित जायसवाल, जितेंद्र जायसवाल, बालमुकुंद जायसवाल, लोकेश जायसवाल, प्रह्लाद जैसवाल, आनंद राम जयसवाल, सहायक सचिव मनोज जायसवाल, अंगद जायसवाल, आनंद राम जयसवाल, अजय नापित, सूरज जायसवाल, मोहित राम जयसवाल, कृष्ण दत्त जायसवाल, संजय जयसवाल, राहुल जायसवाल, संदीप पांडे एवं कई दर्जनों की संख्या में युवा कार्यकर्ता तथा कई सैकड़ो के संख्या में ग्रामीण जन उपस्थिति रहे।