शुक्रवार की देर शाम बांका के जंगल से निकलकर पगना गांव में रात भर हंगामा मचाते शनिवार की सुबह गोबरी के शक्तिकुंजी जंगल पहुंचे हाथी,वन विभाग ने की गौरेला में ग्रामीणों की बैठक, रात में डीएफओ ने किया हाथी विचरण क्षेत्र का निरीक्षण@रिपोर्ट शशिधर अग्रवाल अनूपपुर अनूपपुर
अनूपपुर/ पांच हाथियों का समूह शुक्रवार की देर रात वन क्षेत्र अनूपपुर के दुधमनिया बीट अंतर्गत बांका के जंगल से निकलकर पूरी रात पगना गांव में हंगामा मचाते हुए 5 घरों में तोड़-फोड़ कर घर में रखें अनाज एवं 2 दर्जन से अधिक किसानों के खेतों में लगी धान की फसल को खाते एवं कचरते हुए ग्रामीणों के भगाए जाने पर शनिवार की सुबह पगना,बेलिया,गोबरी गांव के मध्य वन परिक्षेत्र जैतहरी के गोबरी अंतर्गत शक्तिकुंज नामक जंगल के बरमसिया में पूरे दिन विश्राम करते रहे हैं जो शनिवार की रात किस ओर जाएंगे यह देर रात होने पर ही पता चल सकेगा इसके पूर्व शुक्रवार की दोपहर वन परिक्षेत्र अधिकारी जैतहरी के निर्देश पर परिक्षेत्र सहायक जैतहरी आर,एस,सिकरवार ने ग्राम पंचायत गौरेला में क्षेत्र के जनपद सदस्य फुन्देलाल सिंह एवं गोरेला, पगना,खोलाड़ी दुधमनिया आदि पंचायतों के सरपंचों,जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों के साथ बैठक कर निरंतर एक माह से आतंक मचा रहे एवं ग्रामीण जनों के घरों खेती-बाड़ी ओ में निरंतर नुकसान पहुंचा रहे हाथियों के समूह को क्षेत्र से बाहर ले जाने पर चर्चा करते हुए सहमति बनाई गई जो शनिवार की शाम हाथियों के जंगल से निकलते ही ग्रामीणों के सहयोग से वन विभाग द्वारा आगे की ओर ले जाने का प्रयास करेगी इस बीच शुक्रवार की देर रात ग्राम पगना में हाथियों के विचरण स्थल पर अनूपपुर वन मंडला अधिकारी एस,के,प्रजापति मौके में पहुंचकर हाथियों के समूह को पर नजर बनाए रखते हुए आवश्यक कदम उठाए जाने हेतु वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को निर्देश देते हुए ग्रामीणों से हाथियों के समूह से दूरी बनाए रखने की अपील की।
 ज्ञातव्य है कि शुक्रवार की रात हाथियों के समूह द्वारा पगना गांव में पप्पू सिंह,उदय सिंह पिता रामलाल सिंह,छोटन सिंह,मोती सिंह,प्रेम सिंह के कच्चे एवं पक्के मकानों में तोड़फोड़ कर मकानों के अंदर रखें अनाजों को अपना आहार बनाया वहीं दो दर्जन से अधिक खेतों में लगी धान की फसल को खाते, कचरते रहे हैं इस बीच ग्रामीणों द्वारा ट्रैक्टर,हो-हल्ला,मशाल एवं अन्य तरह के संसाधनों का उपयोग करते हुए हाथियों को रात भर गांव से बाहर खदेड़ने का प्रयास किया जिसके बीच दल का सबसे बड़ा हाथी कबरा कान वाला ने अनेकों बार ग्रामीणों को अचानक पीछे मुड़कर दौडाया जिससे डर कर ग्रामीण गिरते पड़ते भागे हैं, ग्रामीण जन अपने गांव ,मोहल्ला एवं घरों को बचाने के लिए जी-जान से हाथियों को भगाने में सब कुछ करने में लगे है।