हिट एण्ड रन के नए कानून के विरोध में वाहन चालकों ने किया चक्का जाम प्रभावित यातायत व्यवस्था आवष्यक खाने पीने के साथ पेट्रोल पर पड़ सकता है असर

हिट एण्ड रन के नए कानून के विरोध में वाहन चालकों ने किया चक्का जाम प्रभावित यातायत व्यवस्था
आवष्यक खाने पीने के साथ पेट्रोल पर पड़ सकता है असर
इन्ट्रो- केंद्र सरकार ने वाहन चालकों के हिट एंड रन करने को लेकर जिस तरह से कानून में संशोधन करते हुए जुर्माना और सजा को लेकर नया कानून संसद में पारित किया है उस देश भर के वाहन चालकों में रोष व्याप्त है। अनूपपुर जिला मुख्यालय में जहां वाहन चालकों ने बस स्टैंड के आगे चक्का जाम करके अपना विरोध किया वही आज दिनभर यात्री बसें बंद रही जिसके कारण आम जनता को आवागमन करने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा। आम लोगों का मानना है कि अगर वाहन चालकों की हड़ताल जल्दी नहीं समाप्त की गई तो महंगाई बढ़ने के साथ-साथ आम जरूरत के सामानों के लिए जनता को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।
अनूपपुर। पूरे देश समेत जिले में भी वाहन चालकों ने अपने वाहनों को बंद रखा। जिसके चलते रोजमर्रा की चीजों के लिए लोग आप परेशान होते नजर आए। ड्राइवर एकता संघ के बैनर तले जिला प्रशासन को ज्ञापन भी सोपा है जिसमें काले कानून को वापस लेने की भी बात कही है इससे पहले अनूपपुर कोतमा मार्ग स्थित षिव मारूती मंन्दिर चैराहे में सड़क पर बैठकर सांकेतिक रूप से सड़क जाम कर धरना प्रदर्षन किया नए कानून के विरोध में नारे लगाते देखे गए। कुछ देर बाद कोतवाली पुलिस ने पहुंच कर चका जाम खुलवा दिया। ड्राइवर एकता संघ के कार्यकत्ताओं ने रैली के शक्ल में जिला कलेक्टर पहुंचकर अपनी मांग के रूप में एक ज्ञापन सौपा। विरोध रैली में काफी संख्या में वाहन चालक शामिल हुए हैं इस धरना प्रदर्षन को जिले के टैक्सी यूनियन और आटो यूनियन का भी पूर्ण समर्थन है।
एन एच 43 पर भी लगा जाम
जिले के थाना भालूमाडा के अंतर्गत बदरा तिराहा एनएच 43 में ड्राइवर यूनियन ने परिवहन कानून के नए निगम का किया विरोध, काला कानून वापस लेने की मांग ड्राइवर यूनियन की हड़ताल शुरू एन एच 43 पर धरना दिया। सड़क पर हादसा होने पर पालको के खिलाफ होने वाली कठोर कार्यवाही के प्रस्ताव का विरोध, बड़ी संख्या में जमा ड्रायवर यूनियन के सदश्य वाहनों के के चालकों से यहां न चलने का निवेदन किया आन्दोलन स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद नए परिवहन निगम के विरोध में ड्राइवर। लोग गाड़ियों को रोककर उनसे गाड़ी न चलने का निवेदन कर रहे है मौके की नजाकत को देखते हुए थाना प्रभारी भालूमाड़ा रामकुमार धारिया अपने दलबल के साथ पहुंचकर उन्हें समझाएं। दि की आप किसी भी वाहनों को नहीं रोक सकते कोई भी काम मा विरोध करने से पहले नियमानुसार लिखा पड़ी किया जाता है तब भी ड्राइवर का शांति तरीके से कानून के विरोध में विरोध प्रदर्शन जारी है इस दौरान सैकड़ी की संख्या में ड्राइवर लोग उपस्थित रहे।
कलेक्टर को दिया ज्ञापन
ड्राइवर एकता संघ द्वारा कलेक्टर अनूपपुर को एक मांग पत्र प्रस्तुत किया गया है जिसमें भारत सरकार द्वारा नए कानून के संषोधन पर वाहन चालको के खिलाफ जो कड़ी सजा और भारी जुर्माना का प्रवधान किया गया है उन्हें वापस लेने की मांग की गई है। मांग न माने जाने पर आज ही से गाड़ि़यां न चलाने के बात करते हुए पूरंे देष में पहिए रोकने की बात कही सरकार द्वारा जो नया कानून लाग किया गया है उस कानून को वापस लिया जाये अन्यथा एक जनवरी 2024 से कोई भी ड्राइवर गाड़ी नहीं चलाऐगा एवं जिससे देश को होने वाली आर्थिक क्षति की जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी। एवं जरूरत पड़ने पर ड्राईक यूनियन के द्वारा चक्का जाम किया जाऐगा।
इन प्रावधानों का किया जा रहा है विरोध
सरकार द्वारा जो नया कानून लागू किया गया है इसमें ड्राइवर की सजा 10 साल एवं 7 लाख रूपये जुर्माना घोषित किया गया है। एक्सीडेंट होने पर इस कानून को वापस लिए जानें बावत्। जो कानून सरकार द्वारा बनाया गया है जिसमें यदि एक्सीडेंट हो जाता है तो ड्राईवर को 10 साल की सजा 47 लाख का जुर्माना से दण्डित किया जाना है ऐसे में ड्राइवर जिसकी सेतरी कहीं पर तीन हजार रूपये या कही पर 7000 रूपये महीनें की सैलरी वाला जिसका कोई रहने का ठिकाना नहीं है एवं सैलरी का कोइ अता पता नहीं ऐसे में ड्राइवर सात लाख का जुर्माना कहा से दे पाएगा जिसके कार्य का कोई समय नहीं रहता और ऐसे में 10 साल की सजा हो जाती है तो ड्राइवर के परिवार का पालन पोषण कौन करेगा। पहले कानून में ड्राइवर की जमानत होना फिर वाहन की जामानत होना तय था।
भटकते रहे यात्री नहीं चली बसे
अनूपपुर जिला मुख्यालय से ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ नगरी क्षेत्र और आसपास के जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली लगभग सैकड़ो की संख्या में बसे रोजाना चलती हैं। इन बसों से जहां जिला मुख्यालय में निवास करने वाले सरकारी कर्मचारी ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र के कार्यालय में जाते हैं वहीं भारी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र से आम जनता अनूपपुर जिला मुख्यालय में आती है। अस्पताल कलेक्ट कचहरी आने वाली जनता के सामने बेस बंद होने के कारण भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है वहीं जिला मुख्यालय में रहने वाले कर्मचारियों को ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र के अपने कार्यालय में जाने के लिए भी दर-दर भटकना पड़ रहा है। वहीं सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार के कानून को वाहन चालकों ने काला कानून बताते हुए इस केंद्र सरकार की वाहन चालक विरोधी कानून बताते हुए केंद्र सरकार से इस काले कानून को तत्काल वापस करने की मांग की है। वही आम जनता का मानना है कि अगर वाहन चालकों की मांग मानकर केंद्र सरकार अति शीघ्र इस कानून को वापस नहीं लेती है तो देश प्रदेश के साथ अनूपपुर जिले में भी आवश्यक खाने-पीने के सामानों के दामों में भारी बढ़ोतरी हो सकती है वही पेट्रोल पंप में भी ताला लग सकता है जिससे आम जनता को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।