हिट एवं रन के नवीन कानूनी प्रावधान के संबंध में फैलाया जा रहा निराधार संदेह वाहन ऑपरेटर मन के निराधार संदेह को दूर कर हड़ताल समाप्त कर सेवाएं यथावत जारी रखने करें सहयोग

हिट एवं रन के नवीन कानूनी प्रावधान के संबंध में फैलाया जा रहा निराधार संदेह
वाहन ऑपरेटर मन के निराधार संदेह को दूर कर हड़ताल समाप्त कर सेवाएं यथावत जारी रखने करें सहयोग
अनूपपुर। हिट एवं रन के संबंध में नवीन कानूनी प्रावधान के विरोध में की जा रही हडताल के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. के द्वारा 2 जनवरी 2024 को प्रदत्त आदेश के अनुकम में, अपर मुख्य सचिव गृह, सचिव परिवहन, अपर परिवहन आयुक्त के साथ विभिन्न ट्रक, स्कूल, बस ऑपरेटर यूनियन आदि की हडताल समाप्त किये जाने हेतु बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रस्तावित नवीन कानून के संबंध में संबंधित यूनियनों को आवश्यक जानकारी दी गई ताकि आंदोलनकारीयो के मन में निराधार संदेह को दूर किया जा सके बैठक में बताया गया कि प्रस्तावित भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 के भाग 2 में केवल उसी स्थिति में 10 वर्ष की अधिकतम सजा के प्रावधान का वर्णन है तथा कोई न्यूनतम सजा परिभाषित नहीं की गई है। जबकि कोई मोटरयान चालक किसी सड़क दुर्घटना में व्यक्ति की मृत्यु कारित हो जाने के बाद बिना पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दिये मौके से भाग जाता है। यदि किसी व्यक्ति से एक्सीडेंट हो जाता है और वह इस संबंध में पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दे देता है तब धारा 106 (2) भारतीय न्याय संहिता के प्रावधान उस पर लागू नहीं होते। यह भी स्पष्ट किया गया कि कानून में उल्लेखित दण्ड माननीय न्यायालय द्वारा पूरी विधिक प्रकिया के पालन के पश्चात निर्धारित किया जाता है। बताया गया कि धारा 106 (2) भारतीय न्याय संहिता में जुर्माने की राशि को विशिष्ट रूप से वर्णित नहीं किया गया है। 7 लाख या 10 लाख संबंधी जुर्माने की राशि के प्रावधान का प्रचार भ्रामक होकर असत्य है। यदि वाहन चालक एक्सीडेंट में हुई मृत्यु के विषय में समय पर पुलिस को सूचना दे देता है तो उस स्थिति में नये कानून में भी जमानती धारा का प्रावधान है।बैठक में विभिन्न ट्रक, स्कूल, बस ऑपरेटर यूनियन के प्रतिनिधिगणो को उक्त स्थितियां स्पष्ट करते हुए सेवाएं यथावत जारी रखने हेतु सहयोग करने तथा हडताल समाप्त करने का आव्हान किया गया है।