केवई नदी का पानी बिजुरी नगर तक पहुँचाने की मुख्यमंत्री से अपील -- मनोज द्विवेदी

केवई नदी का पानी बिजुरी नगर तक पहुँचाने की मुख्यमंत्री से अपील -- मनोज द्विवेदी
कोयलांचल की प्यास, अमरकंटक प्राधिकरण, एसटीपी पर शिवराज से जनता की आस
अनूपपुर / मध्यप्रदेश के प्रत्येक गाँव तक विकास की नर्मदा बहाने वाले सच्चे नर्मदा पुत्र का आज एक बार फिर संत समागम के बहाने माई की उदगम नगरी अमरकंटक शुभागमन हो रहा है। चुनाव की दहलीज पर खड़े मध्यप्रदेश की जनता और विशेष रुप से कर्मचारियों की उम्मीदें उफान पर हैं। स्वाभाविक भी है, जनता अपने लाडले मुख्यमंत्री से अपेक्षा नहीं करेगी तो किससे करेगी। 2006-7 से मध्यप्रदेश में प्रत्येक क्षेत्र में व्यापक बदलाव आया है। विपक्ष भी दबी जुबान यह मानता है कि प्रदेश में सड़क, बिजली, पानी की अब कोई समस्या नहीं रह गयी है। कुछ नई बसाहट के टोले - मजरों में बिजली एक मुद्दा बनाया जाता रहा है लेकिन उस पर भी तेजी से काम चल रहा है। पुष्पराजगढ के सुदूर पडमनिया , सरई से लेकर ऐसा कोई गाँव नहीं बचा जहाँ सड़कें ना बनी हों या मोबाइल नेटवर्क ना हो। नि: शुल्क चिकित्सा, शिक्षा,आवास ,पेयजल से लेकर लाडली बहना योजना के माध्यम से लोगों के जीवन में बहुत बदलाव आया है। अराजकता, भ्रष्टाचार, लाल फीताशाही के विरुद्ध सरकार की सख्ती जग जाहिर है। नर्मदा सहित पर्यावरण ,जल एवं बायो डायवर्सिटी संरक्षण के लिये सरकार सजग है। सांस्कृतिक गतिविधियों एवं परंपराओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। धार्मिक महत्व के मन्दिरों के पुनरुद्धार हेतु ऐतिहासिक कार्य किये जा रहे हैं। श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में 2020 में बनी सरकार ने कोरोना संक्रमण काल में बड़ी सहजता और सजगता के साथ जनता के बचाव के साथ जीवन यापन के विभिन्न बिन्दुओं पर मानवीय संवेदना दिखलाई है।
इसके बावजूद कोतमा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बिजुरी,कोतमा, राजनगर, बनगंवा ,डोला, डूमरकछार जैसे नगरीय क्षेत्रों और ग्रामीण इलाकों में कुछ मुद्दों पर मुख्यमंत्री से त्वरित कदम उठाए जाने की दरकार है। बिजुरी नगरपालिका क्षेत्र में हर वर्ष जनवरी के बाद पेयजल संकट गहरा जाता है। जनता कालरी का कोयलायुक्त काला पानी उपयोग करने को बाध्य होती है। मुख्यमंत्री जी से मेरा निवेदन है कि कोयलांचल की जीवन रेखा केवई नदी पर एक बांध बना कर इसका जल बिजुरी तक पहुँचाने की पहल होनी चाहिए । केवई का पानी रोक कर इसके माध्यम से ना केवल बिजुरी बल्कि आसपास के सौ से अधिक गाँव का जल स्तर बढाया जा सकता है। सिंचाई के लिये भी इसका व्यापक उपयोग किया जा सकता है।
बिजुरी प्रा स्वास्थ्य केन्द्र के उन्नयन के साथ कोतमा, बिजुरी के अस्पतालों में डाक्टरों की कमी एक बड़ा मुद्दा है। ये दोनों अस्पताल चिकित्सकों की कमी के कारण रेफरल सेन्टर बन कर रह गये हैं। कोतमा विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष कार्य करने की जरुरत है।
इस क्षेत्र के प्रमुख कालरी बन्द हो गये हैं या बन्द होने की कगार पर हैं । नये खुलने वाले कोयला खदानों में भूमि अधिग्रहण के बाद मुआवजे और रोजगार के मुद्दों को लेकर आए दिन बवाल होता रहता है। किसानों, कालरी मैनेजमेंट और जिला प्रशासन के बीच होने वाले समझौतों को कालरी मैनेजमेंट आए दिन ठेंगा दिखलाता रहा है। सरकार को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। रोजगार के घटते अवसरों से लोग परेशान हैं । कृषि आधारित कुछ उद्योग कोतमा, पुष्पराजगढ, अनूपपुर में स्थापित किये जा सकते हैं। वेलस्पन और न्यू जोन जैसी कंपनियों के जमीन अधिग्रहण वर्षों पहले किये जा चुके हैं। मुख्यमंत्री जी इन दोनो प्लांट्स को जल्द शुरु करने की पहल कर सकते हैं।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय मे मेडिकल कालेज और इंजीनियरिंग कालेज की स्वीकृति प्राप्त है। जिला मुख्यालय के आसपास इस हेतु जमीन प्रदान करके इनके निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया जाए।
पवित्र नगरी अमरकंटक के सम्पूर्ण विकास के लिये नर्मदा के शुद्धिकरण हेतु एसटीपी का निर्माण जल्दी से जल्दी करवाया जाए। अमरकंटक विकास प्राधिकरण में पदाधिकारियो की नियुक्ति लंबित है। अतिशीघ्र अमरकंटक विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियो की नियुक्ति की जाए। जिला मुख्यालय अनूपपुर में फ्लाई ओव्हर ब्रिज का कार्य धीमी गति से चल रहा है। इसे समय पर पूरा करके आम जनता को राहत दी जा सकती है। संविदाकर्मियों को नियमित करने के वायदे को पूरा करना एक एतिहासिक कदम होगा। अमरकंटक में एक सर्व सुविधयुक्त पत्रकार भवन का निर्माण करवाया जाए।