मुख्य विकास अधिकारी व सचिव से परेशान होकर ग्राम प्रधान आत्महत्या को मजबूर@रिपोर्ट अजय यादव बांदा
बाँदा प्रदेश की योगी सरकार ग्राम सभा के विकास हेतु पँचायती राज का गठन किया है जिससे ग्राम विकास ग्राम प्रधान व सदस्यो का चयन ग्राम सभा द्वारा किया गया है परन्तु धरातल पर विकास की गँगा विपरीत दिशा मे ही जिम्मेदारो ने बहा रखी है।

ताजा मामला नरैनी विकासखँड से सामने आया है जहाँ पर ग्राम प्रधान द्वारा मीडिया से रूबरु होकर बताया कि तीन माह पूर्व ग्राम पँचायत रानीपुर मे विनय कुमार की तैनाती की गयी थी ।सचिव द्वारा डोगल एक्टीवेट करवाने के नाम पर प्रधान से डोँगल ले लिया था । लेकिन जब ग्राम प्रधान के द्वारा सचिव से डोँगल माँगा तो  सचिव द्वारा जातिसूचक शब्दो से गाली देते है  तथा मेरी बिना जानकारी के ग्राम पँचायत का पैसा भी बिना कोई काम कराये आहरण कर रहे है जब ग्राम प्रधान द्वारा इसकी शिकायत मुख्य विकास अधिकारी से की तो मुख्य विकास अधिकारी ने  

 समझौता करवाने का दबाव प्रधान पर बनाने लगे।यह गँभीर आरोप ग्राम प्रधान द्वारा लगाये गये है सचिव कभी भी पँचायत भवन मे नही बैठते।लोगो को परिवार रजिस्टर की नकल हेतू नरैनी जाना पडता है। एवँ टैँकर के पेटिँग व मरमम्त आदि का पैसा भी निकाल लिया है एवँ फर्जी तरीके से कयी किस्ते बिना काम के ही निकाली जा चुकी है।एवँ ग्राम प्रधान ने यह भी बताया कि अगर मेरी सुनवाई उच्चाधिकारी नही कर रहे तो मै आत्महत्या को मजबूर हो जाऊँगा जिसकी जिम्मेदारी जिलाप्रशासन की होगी।