वायरल हो रहे वीडियो में स्वीकर्ता दिवेश शुक्ला, जानते हुए भी लिया फर्जी तरीके से लोन,पुलिस को किसी और सबूत की जरूरत नही शोसल मीडिया में चल रहे वीडियो दे रहे गवाही
दस्तावेज दे रहे फर्जी तरीके से एयू स्माईल फाइनेंस बैंक से ऋण प्राप्त करने की गवाही
 इन दिनों फर्जी दस्तावेजो के सहारे लाखो का ऋण प्राप्त करने वाले दिवेश शुक्ला का मामला सुर्खियो में है। शिकायतों के बाद पुलिस को जांच में पसीने क्यों छूट रहे है यह तो वही जाने, लेकिन मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा मेडियारास से रजिस्टर्ड मार्टगेज के नाम पर बंधक रखी गयी अराजी के दस्तावेज उप पंजीयक कार्यालय अनूपपुर में 25 अगस्त 2022 को तैयार होते है। वहीं एयू स्माईल फाइनेन्स बैंक लिमिटेड शाखा शहडोल को मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा अनूपपुर की एनओसी जो प्रस्तुत की जाती है जो कि 15 अगस्त 2022 को जारी होना बताया जाता है। यह अपने आप में दस्तावेजो के फर्जीकरण की गवाही दे रहे है। इसके बाद भी पुलिस अब तक प्रकरण की जांच पूरा नही कर पाई यह अपने आप में उसके सोचने का विषय है।
अनूपपुर। बेरोजगारो को प्रदेश सरकार की गारंटी पर तो बैंक स्वरोजगार प्राप्त करने के लिये संपूर्ण तैयार दस्तावेज के आधार पर ऋण नही स्वीकृत करती लेकिन अनूपपुर नगरपालिका के वार्ड क्रमांक 9 के रहने वाले दिवेश शुक्ला को बैंक संपत्ति का बिना भौतिक सत्यापन किये लाखो का ऋण अदा कर देती है और ऐसा एयू स्माईल फाइनेंस बैंक शाखा शहडोल के द्वारा किया गया। जिसमें कि दिवेश शुक्ला द्वारा अपनी आराजी खसरा नंबर 987/2/2 के रकवा की 0.023 हेक्टेयर भूमि को बंधक रखते हुये मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा मेडियारास से 17 लाख रूपये का लोन प्राप्त किया जाता है और उसी अराजी को मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा अनूपपुर की एनओसी के आधार पर एयू स्माईल फाइनेंस बैंक शहडोल में बंधक रखकर 20 लाख रूपये ऋण प्राप्त कर लिया जाता है। लेकिन एयू स्माईल फाइनेंस बैंक शहडोल के जिम्मेदार अधिकारी इस बात की पुष्टि करना उचित नही समझते यहां तक की उनके द्वारा एनओसी में दिये गये एकाउंट नंबर की जांच नही की जाती कि वह सही है या गलत। बहरहाल इस मामले में कौन दोषी है किसने कूट रचित दस्तावेज तैयार किये है यह पुलिस की जांच पर ही सामने आयेगा। 
बैंक मैनेजर की मिली-भगत
दिवेश कुमार शुक्ला के द्वारा एयू स्माईल फाइनेंस बैंक शहडोल से लिये गये 20 लाख रूपये के ऋण में बैंक मैनेजर के द्वारा संपूर्ण दस्तावेजो का पहले तो सत्यापन नही किया गया यदि किया गया होता तो मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा अनूपपुर की एनओसी और उसमें लिखे गये एकाउंट नंबर की तस्दीक उनके द्वारा की जाती। इस संबंध वर्तमान में पदस्थ मेडियारास मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा के मैनेजर से जब rkexpose ने बात की तो उन्होंने कहा कि उक्त एनओसी में दिया गया एकाउंट हमारे यहां का लोन एकाउंट नंबर नही है और न ही एनओसी हमारे यहां से जारी की गई है। उक्त एकाउंट नंबर की एनओसी मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा अनूपपुर के द्वारा कैसे और किस आधार पर जारी की गई है यह वही बता सकेंगे। 
कूट रचित दस्तावेज का कौन है सरगना
उप पंजीयक कार्यालय अनूपपुर में दिवेश कुमार शुक्ला के द्वारा प्रस्तुत किये गये अपनी बहन के आधार कार्ड में लगी तस्वीर के स्थान पर किसी और को सामने किया गया। क्योंकि जानकार सूत्र बताते हैं कि दिवेश के द्वारा उप पंजीयक के समक्ष जिसे अपने बहन बताकर खडा किया गया वह उनकी सगी बहन नही थी। वहीं दस्तावेज में लगी तस्वीर भी उनकी बहन की नही बतायी जा रही ऐसे में यहां तैयार किये दस्तावेज कूटरचित प्रतीत होते है और यह कूटरचित दस्तावेज तैयार करने वाला सरगना कौन है इसकी भी पुलिस को तलाश करनी पडेगी जिसके बाद और कई राजों का खुलासा होगा।
मै हंू सूदखोर-दिवेश 
सोशल मीडिया पर दिवेश कुमार शुक्ला के बयान का वायरल हो रहे वीडियो में वह खुद स्वीकार कर रहा है कि मै सूदखोर हूं और मनीष के साथ सूदखोरी की इसके बाद तो पुलिस की जांच आसान हो जानी चाहिये। लेकिन फिर भी मनीष कुमार मालू के द्वारा पुलिस को दिवेश कुमार शुक्ला को की गई शिकायत की जांच में पता नही क्यों पसीना छूट रहा है, जबकि जो दस्तावेज सामने है वह दिवेश कुमार शुक्ला के द्वारा जहां से भी ऋण प्राप्त किया गया वहां जमा किये गये हैं और उन्हीं के द्वारा तैयार करवाये गये होंगे। दिवेश कुमार शुक्ला के द्वारा खुद यह कहा जा रहा है कि मनीष कुमार मालू ने मुझे लोन दिलाने से पहले बताया था कि मै इस प्रकार करा सकता हूँ तो यह जानने के बावजूद भी दिवेश कुमार शुक्ला ने फिर क्यों एक नही दो-दो बैंको से एक ही प्रापर्टी को बंधक रख लोन लिया। कुल मिलाकर उन्होंने जानबूझकर यह दोष किया है। बहरहाल यह मामला अनूपपुर में मीडिया की सुर्खियो में बना हुआ है अब इस मामले में पुलिस क्या कुछ जांच कर पायी है यह अभी तक सामने नही किया गया है।
दोषमुक्त किया गया मनीष 
दिवेश कुमार शुक्ला के द्वारा मनीष कुमार मालू को सूदखोर बताया जा रहा है जिसमें कि माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महेन्द्र कुमार उईके के द्वारा कोतवाली अनूपपुर के अपराध प्रकरण क्रमांक 535/2021 अंतर्गत धारा 386 भा.द.वि. एवं 3,4 मध्यप्रदेश ऋणियो का संरक्षण अधिनियम के आरोप में 13 अप्रैल 2023 को दोष मुक्त करते हुये प्रस्तुत जमानत एवं मुचलका भारमुक्त किया गया। साथ ही लेख किया गया कि प्रकरण में आरोपी न्यायिक निरोध में नही रहा। वहीं प्रकरण में जप्तसुदा संपत्ति एसबीआई बैंक एवं आईडीबीआई बैंक के पासबुक एवं यूको बैंक के 5 चेक मूल दस्तावेज उनके विधीधारक को वापस किये जाने का आदेश किया।