गोपालगंज । स्नेक डे पर 16 जुलाई को एक ‎किंग कोबरा चंपा माई गांव के भोलाराम के घर में घुस गया, ‎जिसके कारण समूचे गांव में भगदड़ मच गई। प्राप्त जानकरी के अनुसार वीटीआर (वाल्मीकी टाइगर रिजर्व) से निकल कर यह विशालकाय किंग कोबरा रिहायशी इलाके में पहुंच गया था। इसके बाद वह एक घर में घुस गया। सांप को देखते ही घर के मालिक की सांसे ही अटक गईं। किंग कोबरा इतना बड़ा था कि इसे देख घर के बाकी लोग तुरंत ही बाहर भागे। बाद में जब रैस्क्यू करके इतने विशाल किंग कोबरा को जब उठाया गया तो उसमें भी चार लोग लगे। देखने वाले बता रहे थे  कि किंग कोबरा सांप कम और एनाकोंडा जैसा ज्यादा लग रहा था। लोग बता रहे हैं ‎कि इतना भारी सांप इलाके में आज तक किसी ने नहीं देखा था। विषैले किंग कोबरा को देखने के बाद गांव में भी हड़कंप मच गया।
यहां वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सटे हुए एक गांव लक्ष्मीपुर रमपुरवा के चंपा माई स्थान के पास ये नाग निकला। यहां भोलाराम के घर में 14 फीट का किंग कोबरा सांप घुस गया। इसे देख कर अफरातफरी मच गई। घर के लोगों ने किसी तरह से भाग कर अपनी जान बचाई, और वन विभाग को इसकी खबर दी। इसके बाद मौके पर फौरन ही वनकर्मी पहुंच गए। टीम ने तकरीबन 2 घंटे की कड़ी मशक्कत करने के बाद किंग कोबरा का रेस्क्यू किया। सांपों को पकड़ने वाले वनकर्मी शंकर यादव और मुन्द्रिका यादव थे। ये किंग कोबरा इतना भारी था, कि इसे टांगने में 4 लोग लगे। पकड़ा गया किंग कोबरा एक विशेष प्रजाति का सांप बताया जा रहा है।
वाल्मीकिनगर फॉरेस्ट रेंजर अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि यह किंग कोबरा की एक विशेष प्रजाति है, जो बेहद खतरनाक है। इस कोबरा के पास करीब 500 मिलीग्राम जहर की मात्रा होती है। इनके काटने से एक हाथी की भी मौत हो सकती है। जानकार बताते हैं ‎कि कोबरा भी अन्य सांपों की तरह घोंसले बनाते हैं और उसमें अपने अंडे देते हैं। ये अपने अंडों की रक्षा करते हैं। कोबरा कई दिनों या महीनों तक बिना भोजन के रह सकते हैं। एक बार भर पेट भोजन करने के बाद किंग कोबरा करीब दो साल तक जीवित रह सकता है।