यमुना में पानी कम होने लगा है। बृहस्पतिवार सुबह एक बार फिर से यह खतरे के निशान से नीचे आ गया है। 10 जुलाई के बाद दूसरी बार यमुना के जलस्तर में इतनी कमी आई है। मंगलवार देर शाम आठ बजे जलस्तर खतरे के निशान 205.33 से नीचे पहुंचा था। बुधवार सुबह सात बजे यह फिर से यह खतरे के निशान को पार कर 205.35 मीटर पर पहुंच गया। उसके बाद पूरे दिन इसमें बढ़ोतरी होती रही। शाम सात बजे यह 205.83 मीटर तक पहुंचा। इससे राजधानी में एक बार फिर से जलभराव का खतरा उत्पन्न हो गया था।

जलभराव की समस्या बढ़ने का खतरा टला

बुधवार शाम आठ बजे से ही पानी के स्तर में गिरावट शुरू हो गई थी। सुबह छह बजे तक यह नीचे गिरकर 205.43 मीटर तक और आठ बजे खतरे के निशान से नीचे 205.30 मीटर पर आ गया। इससे दिल्ली के निचले इलाके में जलभराव की समस्या बढ़ने का खतरा फिलहाल टल गया है। अधिकारियों का कहना है कि पिछले दिनों हथनीकुंड बैराज से छोड़े गए ज्यादा पानी और उत्तरी क्षेत्र में हो रही वर्षा के कारण जलस्तर बढ़ा है। अब हथनीकुंड से दिल्ली की ओर कम पानी छोड़ा जा रहा है। बुधवार रात 10 बजे के बाद प्रति घंटे 30 हजार क्यूसिक से भी कम पानी छोड़ा जा रहा है। इससे दिल्ली में स्थिति सुधर रही है। यमुना के आइटीओ बैराज के बंद गेट खोलने की कोशिश जारी है। अब तक पांच में से दो गेट ही खोले जा सके हैं। सेना, नौसेना और हरियाणा सरकार के सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग की टीम इस काम में लगी हुई है।