दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक स्थानों पर कथित तौर पर अवैध और अनधिकृत निर्मित मस्जिदों, दरगाहों, मजारों और कब्रिस्तानों को हटाने या ध्वस्त करने की मांग संबंधी एक जनहित याचिका पर गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम और दिल्ली के लोक निर्माण विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह याचिका पांच व्यक्तियों द्वारा दायर की गई है, जिन्होंने दावा किया है कि दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों पर मस्जिदों और मजारों के निर्माण की प्रवृत्ति दिन-ब-दिन तेजी से बढ़ रही है और अधिकारी इस मामले से निपटने में अपने अनिवार्य कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी की खंडपीठ के समक्ष याचिका में कहा गया है कि छद्म धर्म के नाम पर अवैध और अनधिकृत रूप से अधिक से अधिक भूमि पर कब्जा करने के इरादे से ऐसी अवैध गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे राष्ट्रीय अखंडता और राष्ट्रीय हित खतरे में पड़ रहे हैं।