नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी में जी-20 शिखर सम्मेलन की सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। खासतौर पर नई दिल्ली जिले को दिल्ली पुलिस और पारा मिलिट्री समेत सभी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के जवानों ने अपने कब्जे में ले लिया है। गुरुवार देर रात 12 बजे नई दिल्ली जिले की सभी सड़कों पर मजबूत बैरिकेडिंग कर वहां बड़ी संख्या में पारा मिलिट्री और दिल्ली पुलिस की तैनाती की गई है। नई दिल्ली जिले में आम लोगों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित रहेगा। वे अपने वाहनों से प्रवेश नहीं कर सकेंगे। किसी आवश्यक कार्य वश अगर कोई नई दिल्ली जिले में पैदल जाना चाहेंगे तब वैध कारण व सुरक्षा जांच के बाद उन्हें जाने दिया जाएगा। साथ ही अगर कोई मेट्रो से नई दिल्ली जिले के अंदर किसी मेट्रो स्टेशन पर उतरकर जिले में पैदल जाना चाहेंगे तो उन्हें भी जाने दिया जाएगा, लेकिन जगह-जगह उन्हें सुरक्षा जांच का सामना करना पड़ सकता है। शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले राष्ट्राध्यक्ष दिल्ली के जिन 16 होटलों में ठहरेंगे, वहां मल्टी लेयर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। अलग-अलग एजेंसियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। सभी 40 कारकेड की अगुवाई के लिए 40 ट्रैफिक डीसीपी की तैनाती की गई है। ट्रैफिक डीसीपी होटलों के बाहर तैनात रहेंगे, जब भी कोई कारकेड होटलों से प्रगति मैदान, राजघाट अथवा कहीं अन्य जगहों पर जाएगा, सभी कारकेड के आगे एक-एक ट्रैफिक डीसीपी चलेंगे। किस देश के कारकेड के साथ कौन ट्रैफिक डीसीपी चलेंगे। इसकी जिम्मेदारी उनके नामों के साथ तय कर दी गई है। प्रगति मैदान के पास भी तीन ट्रैफिक डीसीपी की तैनाती रहेगी जो वहां आने वाले वाहनों की पार्किंग आदि सारे प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालेंगे। विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था सागर प्रीत हुड्डा का कहना है कि जी-20 की सुरक्षा के व्यापक रूप से इंतजाम किए गए हैं। गुरुवार देर रात नई दिल्ली की सभी सरकारी प्रतिष्ठानों की हाई राइज बिल्डिंग सील कर दी गई। उधर नई दिल्ली से सटे मध्य जिले के दरियागंज और कमला मार्केट इलाके की भी सभी सरकारी हाई राइज बिल्डिंग तीन दिनों के लिए सील कर दी गई। नई दिल्ली जिले में जब भी कोई बड़ा अरेंजमेंट होता है, तब वीवीआईपी रूटों के कारण कुछ आवासीय सोसाइटियों के प्रवेश द्वारों को भी सील कर दिया जाता है। जिला पुलिस के पास उक्त सोसाइटियों की सूची है उसी के अनुरूप ऐसा किया जाएगा। आवासीय सोसाइटियों के प्रवेश द्वारों को हमेशा सील नहीं रखा जाएगा।