नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि उसने मध्यस्थता अवॉर्ड निष्पादन के संबंध में सन ग्रुप के अध्यक्ष कलानिधि मारन को 100 करोड़ के बकाया में से 62.5 करोड़ का भुगतान कर दिया है। एयरलाइन को मंगलवार तक मारन को शेष 37.5 करोड़ रुपये का भुगतान करने होंगे। स्पाइसजेट ने अदालत में मारन को भुगतान करने के लिए 37.5 करोड़ का चेक दिया। मारन ने इसे अस्वीकार कर दिया और स्पाइसजेट से आरटीजीएस के माध्यम से राशि हस्तांतरित करने का अनुरोध किया। स्पाइसजेट ने कहा कि 9 और 10 सितंबर को बैंक अवकाश के कारण वे 10 सितंबर की भुगतान समय सीमा को पूरा नहीं कर सके। दिल्ली कोर्ट ने स्पाइसजेट को मंगलवार तक शेष राशि का भुगतान करने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 3 अक्तूबर को होगी। स्पाइसजेट के अनुरोध पर अदालत ने मारन से एक हलफनामा भी मांगा, जिसमें उनसे स्पाइसजेट की संपत्ति के खुलासे की गोपनीयता बनाए रखने के लिए कहा गया। स्पाइसजेट पर मारन का 397 करोड़ बकाया है और अदालत ने 24 अगस्त को स्पाइसजेट को आदेश दिया था कि वह 10 सितंबर तक मारन को 100 करोड़ का भुगतान करे या संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई का सामना करे। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने 31 जुलाई के आदेश में मध्यस्थता अवॉर्ड को बरकरार रखा था और कम लागत वाले वाहक और उसके मालिक अजय सिंह को एयरलाइन के पूर्व प्रमोटर कलानिधि मारन को ब्याज समेत 579 करोड़ रुपये चुकाने का निर्देश दिया था।