भोपाल। स्कूलों में बधिर टीचर्स को भी स्थान दिया जाए, जिससे आम बच्चों को भी साइन लैंग्वेज का ज्ञान हो सके। प्रदेश की किताबों में क्यूआर कोड के फार्म में साइन लैंग्वेज में किताबें हो, जिससे किसी को उसका ज्ञान लेना हो तो वह आसानी से ले सके। इससे टीचर्स को और बच्चों को दोनों का फायदा होगा।
यह बात वक्ताओं ने इंटरनेशनल साइन लैंग्वेज डे के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। सामाजिक न्याय और कल्याण और डेफ केन फाउंडेशन के साथ मध्यांचल डेफ एसोसिएशन के साथ  संचालनालय के ऑडिटोरियम हाल में यह कार्यक्रम रखा गया था। कार्यक्रम में श्रीमती प्रीति सोनी ने कहा कि साइन लैंग्वेज महत्वपूर्ण भाषा है , क्योंकि साइन लैंग्वेज एक मदर लैंग्वेज है और इसे सभी को सीखना चाहिए।
कार्यक्रम में 4 डेफ  बच्चों को भी सम्मानित क्या गया। साथ ही सांकेतिक भाषा के बच्चों की कहानियों को भी सांकेतिक भाषा में अच्छे से चित्रण करने के लिए  प्रतियोगिता के  प्रतिभागियों को अपर संचालक श्रीमती राज्यश्री राय, आर के सिंह ,श्रीमती प्रीति सोनी सचिव डेफ  केन फाउंडेशन , कमलेश डोंगरे ने सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती कल्पना मिश्रा द्वारा किया गया एवं अतिथियों का आभार संयुक्त संचालक आरके सिंह द्वारा किया गया।