तेहरान । ईरान ने चेतावनी दी है कि अगर इजराइल ने गाजा पर बमबारी बंद नहीं की तो अमेरिका भी इसकी चपेट में आ जाएगा। ईरान ने कहा है कि अमेरिका को गाजा और फिलिस्तीन में नरसंहार बंद करना चाहिए। दरअसल, ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन गुरुवार को न्यूयॉर्क में हृ जनरल असेंबली के स्पेशल सेशन में शामिल हुए।
यहां अपने भाषण के दौरान अब्दुल्लाहियन ने इस बात की भी आशंका जताई है कि इजराइल-हमास जंग भविष्य में अमेरिका और ईरान के बीच सीधे संघर्ष में बदल सकती है। अब्दुल्लाहियन ने कहा- मैं अमेरिका को चेतावनी देना चाहता हूं कि अगर फिलिस्तीन में ऐसे ही नरसंहार होता रहा तो अमेरिका को भी बख्शा नहीं जाएगा। हम अपने क्षेत्र, अपने घरों की रक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे।
अब्दुल्लाहियन ने भाषण के दौरान कहा कि हमास असल में फिलिस्तीन की आजादी के लिए एक आंदोलन है। इस दौरान ईरानी मंत्री ने 7 अक्टूबर को हमास के हमले को भी सही ठहराया। उन्होंने कहा- हमास को अपने क्षेत्र के लिए लडऩे का पूरा अधिकार है। इसके लिए जरूरत पडऩे पर हिंसा का इस्तेमाल करना भी गलत नहीं है। ईरान के विदेश मंत्री ने हमास के बंधकों की तुलना इजराइली जेल में बंद फिलिस्तीनियों से की।
अब्दुल्लाहियन ने कहा- हमास इजराइली बंधकों को छोडऩे के लिए तैयार है। लेकिन फिर पूरी दुनिया को इजराइल की जेलों में बंद 6 हजार फिलिस्तीनियों की रिहाई का समर्थन करना चाहिए। हमास ने हमें कहा है कि वो बंधक बनाए गए आम नागरिकों को छोडऩे के लिए तैयार है। ईरान, कतर-तुर्किये के साथ मिलकर इस मानवीय काम में अपनी भूमिका निभाने को तैयार है।
गुरुवार को जॉर्डन ने अरब देशों की तरफ से हृ में जंग के बीच मानवीय संकट का हवाला देते हुए सीजफायर की मांग की। हालांकि, इस प्रस्ताव में हमास के हमले में मारे गए 1400 इजराइलियों और 224 बंधकों का कोई जिक्र नहीं था। जंग में 33 देशों के नागरिक या तो फंसे हुए हैं या उनकी मौत हो चुकी है। जंग रुकवाने के लिए गाजा में मारे गए करीब 7 हजार लोगों के अलावा वहां के मानवीय संकट का हवाला दिया गया है।