भोपाल । मप्र विधानसभा चुनाव की 3 दिसंबर को होने वाले वाली मतगणना को लेकर चुनाव आयोग ने सभी तैयारियां कर ली है। इस दौरान मतगणना के स्ट्रांग रूम में केंद्र एवं राज्य सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक के साथ किसी भी वीआईपी को नो-एंट्री रहेगी। इसके अलावा सांसदों, विधायकों के साथ स्थानीय निकायों, सहकारी संस्थाओं एवं शासकीय उपक्रमों के अध्यक्षों के उम्मीदवारों के मतगणना एजेंट बनने पर भी रोक रहेगी। मतगणना के स्ट्रॉन्ग रूम में सिर्फ वही मंत्री, सांसद, विधायक प्रवेश पा सकेंगे, जो विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार हैं।
 मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि मतगणना के स्ट्रांग रूम में किसी भी स्थानीय संस्था के अध्यक्ष, नगर निगम के महापौर, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत के अध्यक्ष, जिला पंचायत एवं पंचायत समिति के अध्यक्ष, केंद्र एवं राज्य सहकारी संस्थाओं के अध्यक्ष तथा केंद्र एवं राज्य सरकार के उपक्रमों के अध्यक्ष विधानसभा का चुनाव लड़ रहे किसी भी उम्मीदवार के मतगणना एजेंट नियुक्त नहीं किए जा सकेंगे। ग्राम पंचायत सरपंच, पंचायत सदस्य, नगर पालिका, नगर निगम के पार्षद उम्मीदवारों के मतगणना बन सकेंगे

श्री राजन के अनुसार सरकारी कर्मचारियों को भी उम्मीदवारों के मतगणना एजेंट बनने पर रोक रहेगी। सरकार से किसी प्रकार का मानदेय और सरकार से अनुदान प्राप्त संस्थान में काम करने वाले व्यक्ति भी उम्मीदवार के मतगणना एजेंट नहीं बन सकेंगे। इसके अलावा उचित मूल्य दुकान के डीलर्स एवं आंगनबाड़ी कर्मी भी मतगणना एजेंट नहीं बन सकेंगे।

राजन ने बताया कि मतगणना 3 दिसंबर को सुबह 8 बजे से प्रारंभ होगी। मतगणना स्थल में केवल वैध प्रवेश पत्रधारी व्यक्तियों को ही प्रवेश पा सकेंगे। सबसे पहले रिटर्निंग आफिसर टेबल में डाक मतपत्रों की गणना शुरू होगी। मतगणना कक्ष में मोबाइल फोन का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में रेंडम रूप से चयनित पाँच मतदान केन्द्रों के वीवीपैट की गणना करके मतपत्रों से मिलान किया जाएगा।