अमरकंटक की जगवंती बाई ने 102 वर्ष पूर्ण कर साकेत धाम को प्रयाण किया

अमरकंटक की जगवंती बाई ने 102 वर्ष पूर्ण कर साकेत धाम को प्रयाण किया
अमरकंटक। मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली \पवित्र नगरी अमरकंटक में पूरा जीवन साधु संतो, गुरु महाराज की सेवा और कठोर नियम का पालन करते हुए श्रीमती जगवन्ती बाई जैसवाल ने अपने जीवन के 102 वर्ष पूर्ण कर रविवार की रात्रि लगभग 9.30 बजे अंतिम सांसे ली। उनका अधिकतर समय अमरकंटक में ही व्यतीत हुआ। वे अपना आयु 102 वर्ष पूर्ण कर अमरकंटक के निज निवास में रहते हुए रात्रि 9.30 बजे साकेत धाम को प्रयाण कर गई। उन्होंने अपने जीवन का अधिकतर समय गुरु सेवा अनंत विभूषित परमपूज्य ब्रम्हलीन श्रीमहंत स्वामी रामदास महाराज (मौनी बाबा) शांति कुटी आश्रम की सेवा की। उनके ब्रम्हलीन पश्चात आश्रम की सेवा और गुरु भक्ति में लीन रहते हुए जीवन व्यतीत करती रही। श्रीमहंत रामभूषण दास जी महाराज (शांति कुटी) ने बताया की वे हमारे गुरु जी की गृहस्थ शिष्या थी। उनका स्वास्थ्य ठीक नही है ऐसी जानकारी मिली। हमने आज ही श्रीरामलला प्राणप्रतिष्ठा के बाद आज ही हम अमरकंटक पहुंचे है और हम उनका स्वास्थ्य की जानकारी लेने उनके निजनिवास पर शाम को जाकर हाल समाचार लिया। रात्रि 9.30 बजे खबर मिली की वे स्वर्ग सिधार गई। वे 102 वर्ष की थी उनके पति स्वर्गीय प्रताप नारायण जैसवाल पेंड्रा के थे। उनके कोई संतान नहीं थी। उन्होंने कन्हैया लाल जैसवाल को गोद ले रखी थी। उनके नाती पोते साथ थे बांकी परिवारजनो को खबर दे दी गई है। अंतिम संस्कार कल सोमवार को नर्मदा उत्तर तट पर होगा। इस खबर से नगर में शोक की लहर है।