वोट नहीं नोट बटोरने के लिए सांसद  का चुनाव लड़ने का दावा कर रहे कांग्रेसी
फिलहाल फुन्दे लाल के अलावा कांग्रेस के पास मजबूत विकल्प नहीं
इन्ट्रो- शहडोल लोकसभा चुनाव को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी है भोपाल से लेकर जिला मुख्यालय और विधानसभा क्षेत्र में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस अपने परंपरागत शहडोल संसदीय सीट को अपने कब्जे में करने के लिए प्रत्याशियों की तलाश में है तो वही आधा दर्जन से ज्यादा कांग्रेसी नेता चुनावी मैदान में उतरने के लिए टिकट का दावा कर रहे हैंस अगर जमीनी हकीकत देखा जाए तो अधिकतर दावेदार वोट की जगह नोट लपेटने के लिए कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।

(राम भैय्या)
अनूपपुर।
जिले की कोतमा अनूपपुर और पुष्पराजगढ़ विधानसभा, शहडोल जिले की जयसिंहनगर और जैतपुर विधानसभा, उमरिया जिले की मानपुर और बांधवगढ़ विधानसभा कटनी जिले की बड़वारा विधानसभा को मिलाकर लोकसभा क्षेत्र शहडोल बनाया गया है। इस तरह से देखा जाए तो उक्त ऑठो विधानसभा में से मात्र पुष्पराजगढ़ विधानसभा में ही कांग्रेस का कब्जा है और शेष सातों विधानसभा में बीते विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे भी शहडोल लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस बहुत दमदारी के साथ दावा नहीं कर सकती हां यह जरूर कहा जा सकता है कि अगर कांग्रेस ने किसी दमदार प्रत्याशी को लोकसभा के चुनावी समर में उतार दिया तो भाजपा को शहडोल लोकसभा सीट जीतने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है। फिलहाल कांग्रेस से लड़ने वालों की दावेदारी बहुत ज्यादा तो नहीं है लेकिन अनूपपुर शहडोल और उमरिया जिले के आधा दर्जन कांग्रेसी नेता लोकसभा चुनाव के लिए टिकट का दावा कर रहे हैं। इनमें से कई ऐसे नेता है जो अभी बीते हुए चुनाव में विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं और कहा तो यह जा रहा है कि यह नेता कांग्रेस के लिए वोट नहीं अपने लिए कांग्रेस का नोट बटोरने के लिए चुनावी मैदान में उतरना चाहते हैं। फिलहाल तो पुष्पराजगढ़ क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक फुन्देलाल सिंह ही एकमात्र ऐसे दावेदार है जिनको टिकट देकर कांग्रेस भाजपा के लिए चुनावी जंग को रोचक रोमांचक और संघर्षशील बन सकती है।
ऑठो विधानसभा में दो लाख मतों से पीछे रही कांग्रेस
बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बीजेपी से लोकसभा संसदीय क्षेत्र की ऑठो विधानसभा में से मात्र एक विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ पर ही बहुत संघर्ष के बाद अपनी सीट बचाने में सफल रही शेष सात विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का कब्जा है। शहडोल जिले के जैतपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस बीजेपी से 31 हजार मतों से पीछे थी तो वही जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा कांग्रेस से लगभग 37 हजार मतों से आगे थी वही अनूपपुर जिले की अनूपपुर विधानसभा से लगभग 20 हजार, कोतमा विधानसभा से लगभग 23 हजार उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा से 25 हजार बांधवगढ़ विधानसभा से 27 हजार तो वही कटनी जिले की बड़वारा विधानसभा क्षेत्र से लगभग 50 हजार मतों से भाजपा कांग्रेस से आगे रही है। इस तरह से देखा जाए तो लोकसभा संसदीय क्षेत्र से भाजपा वोटों के हिसाब से कांग्रेस से लगभग 2 लाख से ज्यादा वोटो से आगे थी। ऐसे में कांग्रेस के लिए शहडोल लोकसभा सीट पर कांग्रेस का परचम लहराना लोहे के चने चबाने जैसा लग रहा है। वही यहां पर यह भी विशेष उल्लेखनीय की बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी के वोटो में 50 प्रतिशत से ज्यादा का अंतर था और भाजपा प्रत्याशी हिमाद्री सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रमिला सिंह को 4 लाख से ज्यादा मतों से चुनाव में पटकनी दी थी।
फुन्देलाल के अलावा कांग्रेस के पास विकल्प नहीं


वैसे तो राजनीतिक संभावनाओं का खेल होता है और यहां पर कब कहा कौन सी गोटी चमक सकती है इसकी गारंटी नहीं होती लेकिन फिलहाल वर्तमान दौड़ में पुष्पराजगढ़ विधान सभा से कांग्रेस से तीसरी बार विधायक बने फुन्देलाल सिंह मारको ही कांग्रेस के पास एकमात्र ऐसे चेहरे नजर आ रहे हैं जो लोकसभा के चुनावी जंग के मैदान में भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। वही अनूपपुर विधानसभा से चुनाव में पराजित रहे जिला अध्यक्ष रमेश सिंह, और उमरिया जिले से सावित्री सिंह भी दावेदारों की लिस्ट में है लेकिन पुष्पराजगढ़ विधायक के अलावा किसी में भी ऐसी दमदारी नहीं नजर आ रही है जो लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के सामने चुनौती बन सके स वहीं कांग्रेसी सूत्रों की माने तो कई अन्य दावेदार भी अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं और इसमें से कई तो ऐसे हैं जो लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी द्वारा मिलने वाले चुनावी खर्च को बटोरने के लिए लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं जो इस समय अनूपपुर से लेकर शहडोल और उमरिया के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।