इस्लामाबाद ।  पाकिस्तान में धांधली और छिटपुट हिंसा के आरोपों के बीच संपन्न आम चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों को बढ़त मिलती प्रतीत हो रही है। निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने बृहस्पतिवार को मतदान संपन्न होने के 10 घंटे से अधिक समय बाद शुक्रवार देर रात चुनावी परिणाम की घोषणा शुरू की और मतगणना अभी जारी है। विभिन्न दलों खासकर पीटीआई की आलोचना के बाद ईसीपी ने सुबह से नतीजे अद्यतन करने की गति तेज की। जिन बड़े नेताओं ने जीत हासिल कर ली है उनमें पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ, उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ, शहबाज शरीफ के बेटे हमजा शहजाद और शरीफ की बेटी मरियम नवाज शामिल हैं।
ईसीपी के अनुसार, पीटीआई नेताओं गौहर अली खान और असद कैसर ने भी जीत हासिल की। पीपीपी नेता आसिफ अली जरदारी और उनके बेटे बिलावल भी अपनी-अपनी सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं। पाकिस्तान में इस चुनाव के लिए दर्जनों दल मैदान में उतरे हैं लेकिन मुख्य मुकाबला इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) और बिलावल जरदारी भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में हैं और उनके चुनाव लडऩे पर प्रतिबंध है। खान (71) की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रत्याशी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि देश के उच्चतम न्यायालय ने उनकी पार्टी को उसके चुनाव चिह्न क्रिकेट का बल्ला से वंचित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को बरकरार रखा था। नेशनल असेंबली की 336 सीट में से 266 पर ही मतदान कराया जाता है लेकिन बाजौर में हमले में एक उम्मीदवार की मौत हो जाने के बाद एक सीट पर मतदान स्थगित कर दिया गया था। अन्य 60 सीट महिलाओं के लिए और 10 अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं और ये जीतने वाले दलों को आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर आवंटित की जाती हैं। नई सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 265 सीट में से 133 सीट जीतनी होंगी। पाकिस्तान के अधिकारी बृहस्पतिवार को हुए चुनाव के बाद बेहद धीमी गति से मतगणना कर रहे थे।