सिकलसेल एनीमिया स्क्रीनिंग महाअभियान में 93 हजार 187 लोगों की की गई जांच लक्ष्य से अधिक स्क्रीनिंग पर कलेक्टर ने स्वास्थ्य अमले को दी बधाई

सिकलसेल बीमारी से ग्रसित लोगों के जांच एवं उपचार के लिए जिला प्रशासन द्वारा सजगता से किया जा रहा कार्य
सिकलसेल एनीमिया स्क्रीनिंग महाअभियान में 93 हजार 187 लोगों की की गई जांच
लक्ष्य से अधिक स्क्रीनिंग पर कलेक्टर ने स्वास्थ्य अमले को दी बधाई
अनूपपुर / सिकलसेल एनीमिया स्क्रीनिंग महाअभियान के तहत जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केन्द्र व स्वास्थ्य केन्द्रों में 0 से 40 आयु वर्ग समूह के समस्त जनसमुदाय, गर्भवती माताओं एवं लक्षणयुक्त किसी भी आयु के मरीजों की सिकलसेल एनीमिया स्क्रीनिंग विगत दिवस की गई। कलेक्टर आशीष वशिष्ठ के मार्गदर्शन में विकासखण्डवार स्क्रीनिंग के लक्ष्य तय कर अभियान में कार्य किया गया। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने इस सिकलसेल स्क्रीनिंग एनीमिया महाअभियान को सफल बनाने हेतु स्वास्थ्य विभाग के अमले को आवष्यक सहयोग प्रदान किया। इस कार्य का कलेक्टर एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा भी स्वयं भी निरीक्षण कर कार्यों की जानकारी लेते हुए स्वास्थ्य अमले को प्रोत्साहित किया गया। जिले के लिए निर्धारित 40 हजार के लक्ष्य के विरूद्ध महाअभियान के तहत 93 हजार 187 लोगों की सिकलसेल एनीमिया स्क्रीनिंग की गई। इस उपलब्धिपूर्ण स्क्रीनिंग के लिए कलेक्टर ने स्वास्थ्य अमले को बधाई दी है। उल्लेखनीय है कि सिकल सेल बीमारी हीमोग्लोबिन (लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला वह प्रोटीन जो ऑक्सीजन ले जाता है) की वंशानुगत आनुवंशिक असामान्यता है। इसमें लाल रक्त कोशिकाओं के ज़्यादा मात्रा में नष्ट हो जाने के कारण लाल रक्त कोशिकाओं का आकार सिकल (अर्धचंद्राकार) हो जाता है और क्रोनिक एनीमिया हो जाता है। इस असामान्यता वाले लोगों को हमेशा एनीमिया रहता और कभी-कभी पीलिया भी हो जाता है। एनीमिया का बढ़ना, बुखार और सांस लेने में तकलीफ़ के साथ शरीर की लंबी हड्डियों, पेट और छाती में दर्द होना, सिकल सेल बीमारी के कुछ मुख्य लक्षण हैं। सिकल सेल बीमारी का पता लगाने के लिए एक खास तरह का ब्लड टेस्ट किया जाता है, जिसे इलैक्ट्रोफ़ोरेसिस कहते हैं। ऐसी गतिविधियों से बचना चाहिए जिनसे यह बीमारी हो सकती है। साथ ही, संक्रमण और अन्य विकारों का जल्दी इलाज करने से इस बीमारी को रोकने में मदद मिल सकती है। जिला प्रशासन द्वारा सिकलसेल बीमारी के चिन्हित लोगों के स्वास्थ्य जांच एवं उपचार के लिए सतत् रूप से कार्य किया जा रहा है।