ग्राम पंचायतों में सचिव ,संरपच लगा रहे फर्जी बिल! धुंधले बिलों के जरिए किया जा रहा भ्रष्टाचार, पोर्टल में लग रहे फर्जी बिल और हो रहे है भुगतान- रिपोर्टर @दीपक कुमार गर्ग

ग्राम पंचायतों में सचिव ,संरपच लगा रहे फर्जी बिल! धुंधले बिलों के जरिए किया जा रहा भ्रष्टाचार, पोर्टल में लग रहे फर्जी बिल और हो रहे है भुगतान- रिपोर्टर @दीपक कुमार गर्ग
सरकारी पोर्टल में खुलके किया जा रहा भ्रष्टाचार….
आला अधिकारी मौन क्यों क्या है मिलीभगत….
शहडोल जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत ज्यादातर ग्राम पंचायतों में पंचायत के जिम्मेदारों द्वारा पंचायत दर्पण लगाए गए बिल जो वर्ष 2022 से अभी चल रहा है और सचिव महोदय के द्वारा बिल भुगतान कर दिया गया तो जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत कई ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों द्वारा पंचायत दर्पण में लगाए गए बिल जो अभी चल रहा है और सचिव सरपंच के द्वारा बिल भुगतान कर दिया गया।
आदिवासी बाहुल्य जिला शहडोल में आज भ्रष्टाचार गबन चरम सीमा में पहुँच चुका है। वही जिन्हें भ्रष्टाचार रोकने की जबाबदारी दी गई है वह भी पैसो की चमक के आगे नतमस्तक हो चुके है जिसे देखकर लगता है कि जिम्मेदारों के द्वारा भ्रष्टाचार गबन करने की आजादी दे दी गई है। एक ओर प्रदेश की सरकार चाह रही है कि सब कुछ पारदर्शिता हो जो हो रहा वह ऑनलाईन और पोर्टल के जरिये सब देख सके कि क्या कार्य हुए, कितना कार्य हुआ, बिल किसका लगा, कौन सही या गलत, सब दिखाई पड़े की सही गलत क्या हैं। लेकिन धुंधले बिलों को पोर्टल में लगा कर फर्जी बिलों का भुगतान करा रहे है।
सरकारी पोर्टल में खुलके किया जा रहा भ्रष्टाचार….
गौरतलब यह है कि जिन सरकारी पोर्टल को पारदर्शिता के मंशा से बनाया गया था आज उन्हें सरकारी पोर्टल में खुलके भ्रष्टाचार किया जा रहा है, फर्जी बिल लगा रहे है।ऐसे-ऐसे बिल लग रहे है कि सीमेंट के दुकान से स्टेशनरी खरीदी जा रही है और किराना दुकान से रेत लोहा खरीदने के बिल पोर्टल में लग रहे और भुगतान हो रहे, आज कोई इन बिलों की देख रेख नही कि जा रही और इन फर्जी बिलों से फर्जी भुगतान लिया जा रहा है कुछ बिल ऐसा भी है जो पोर्टल में बिल लगे है वह पढ़े भी नहीं जा सकते है। धुंधले बिलों के जरिए लाखों रू का फर्जी भुगतान किया जा रहा है। बता दे कि यही हाल जिले के जनपद पंचायत जयसिंहनगर अंतर्गत कई पंचायतों का है। जहाँ पर फर्जी बिल लगाकर भुगतान किया जा रहा जिसकी समय-समय पर शिकायतें होती भी है पर उन शिकायत की फाइल धूल खाती रहती है।जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली पंचायतों में धुंधले बिलों को पोर्टल पर अपलोड करना आम बात हो गई है। पंचायत सचिव के द्वारा हजारों बिलों को धुंधला कर के अपलोड कर आम जनता को भ्रमित किया जा रहा है, परंतु जनपद प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है। भ्रष्टाचार छिपाने का प्रयास आखिर कब तक जिले की जनपद पंचायत जयसिंहनगर अंतर्गत पंचायतों में “पंचायत दर्पण” में लगे बिल को पूरी तरह धुंधला कर दिया गया है या फिर सीमेंट के दुकान से स्टेशनरी खरीदी का फर्जी बिल या खरीदे गए समान के दुगने बिल का भुगतान कराया जा रहा है। पंचायत दर्पण में लगे बिलों देखाकर साफ अनुमान लगा सकता है कि सचिव जानबूझ कर धुंधला बिल लगाते है जिससे किस फर्म में किस सामग्री का बिल लगा है पता न चल पाये। सूत्रों की माने तो ग्रामवासी अगर सचिव से पूछते हैं कि किस सामग्री का बिल लगा है तो सचिव जवाब देते है नेट से निकाल लीजिये, जब पंचायत दर्पण पर लोग बाग देखने पहुंचते है तो वहां बिल ही धुंधला मिलता है, कुल मिलाकर भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए यह खेल खेला जाता है।