माफिया बंटी के खिलाफ कलम चलाना गिरोह को नगवार, फर्जी शिकायत  कर पुलिस पर काउंटर अपराध दर्ज करने दबाव 
इन्ट्रो- जिले का बिजुरी थाना छत्तीसगढ़ की सीमा से सटा हुआ है जहां अपराधी व माफिया शरण लिए रहते है। और यदि किसी कलम कार ने ऐसे माफिया या फिर अपराधी के खिलाफ कलम चलाई तो संरक्षण देने वाला गिरोह फर्जी 
शिकायत    पुलिस के आला अधिकारियो तक कर उस पर अपराध दर्ज कराने का दबाव बनाने लगते है। ऐसा ही कुछ बिजुरी के वरिष्ट कलम कार तीरथ प्रसाद मिश्रा के साथ हो रहा है क्योकि उन्होने यहा खनिज माफिया बन चुके बंटी के खिलाफ लगातार खबर का प्रकाशन किया जिससे बौखलाए गिरोह ने पले उन्हे अपने तरीके से धमकी दी जिसकी षिकायत उन्होंने लिखित में थाने पहुंचकर पुलिस से की और  खबर का प्रकाशन किया जिसके बाद उनके विरुद्ध झूठी शिकायत करते हुए संख्या बल में थाने पहुंचकर पुलिस पर अपराध दर्ज करने दबाव बनाना शुरू कर दिया गया।
(क्राइम रिपोर्टर)
बिजुरी/अनूपपुर।
वैसे भी पत्रकारिता वर्तमान दौर में चुनौतियों से कम नही है। और जब आंचलिक क्षेत्र में कोई साहस कर कलम चलाता है तो उसे कुचलने के लिए गिरोह में लरेग निकल पड़ते है स्वाभाविक है जब किसी का हित प्रभावित होगा तो वह उसी का साथ देगा जो उसे हर समय आधुनिक सुख सुविधा उपलब्ध कराते है। जिले कि सुर्खियों में बीते एक सप्ताह से बिजुरी थाना क्षेत्र में माफिया बंटी की कहानी चल रही है। जिसके बारे में वहां के वरिष्ट पत्रकार तीरथ प्रसाद मिश्रा के द्वारा समाचार पत्र में पुख्ता जानकारी के साथ खबर प्रकाशित की गई। फिर होना क्या था माफिया बंटी को संरक्षण देने वाले कुछ एक टुटपुजिओं ने गिरोह बनाया और तारा प्रजापति को समाने करते हुए मारपीट किए जाने व जातिगत दुर्भावना से ग्रसित होने की झूठी शिकायत थाना बिजुरी व पुलिस के आलाधिकारी को दी। जबकि वरिष्ट पत्रकार तीरथ प्रसाद मिश्रा के द्वारा इसके पहले ही पुलिस को शिकायती पत्र देते हुए उन्हें झूठे मामले में फँसाने एवं रास्ता रोक कर विवाद किए जाने की लिखित जानकारी दे कर कार्यवाही की मांग की गई थी। 
आखिर गिरोह में क्यो पहुंचे थाने 
कहते है चोर की दाढ़ी में तिनका खुद व खुद झलकता है और जब उसे चोर कह दिया जाए तो बौखलाहट तो होना लाजमी है वरिष्ट पत्रकार तीरथ प्रसाद मिश्रा के द्वारा माफिया बंटी की परत दर परत कहानी जैसे ही लिखनी शुरू की गई वैसे ही संरक्षण कर्ताओं में झुंझलाहट शुरू हो गई और गिरोह बनाकर पत्रकार की कलम को दबाने फर्जी षिकायतें की जाने लगी। दो दिन पहले पुलिस को माफिया बंटी के संरक्षण कर्ता गिरोह ने षिकायत की उसके बाद रविवार की दोपहर संख्या बल में थाने पहुंचकर वरिष्ट पत्रकार तीरथ प्रसाद मिश्रा को प्रभारी के मार्फत थाने बुलाने का कार्य किया गया ताकि उनके पहुचने पर पुलिस के सामने विवाद की स्थिति निर्मित की जाए लेकिन पत्रकार ने समझदार दिखते हुए आलाधिकारियों को वस्तु स्थिति से अवगत कराया और अपनी बात पुलिस को बताई।
माफिया पर कब कसेगा सिकंजा 
छत्तीसगढ़ राज्य से बिजुरी थाने की सीमा सटी होने के कारण वैसे भी इसे संवेदनषील माना जाता है और जब वह भी खनिज माफिया जिसके नाम पहले से कई अपराध जिले सहित छतीसगढ़ में दर्ज हो उसके खिलाफ पत्रकार लिखे तो मामला संवेदनषील  होने की पहले से संभावना दिखाई देने लगती है। लगातार माफिया बंटी के द्वारा खनिज रेत की चोरी करने का समाचार प्रकाषित होने के बाद भी उसके खिलाफ कार्यवाही नही की गई जिसके कारण उसके गिरोह में शामिल लोगों ने पत्रकार को नाजायज परेषान करने के साथ ही मांनसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे लेकिन पुलिस है कि गिरोह के द्वार की गई फर्जी षिकायत की जांच की जाने लगी वही वरिष्ट पत्रकार द्वारा की गई षिकायत की जांच प्रारम्भ नही की गई ऐसे में माफिया पर पुलिस कर सिकांजा कब कसेगा यह तो आलाधिकारी ही बता सकते हैै।
पत्रकार की पुलिस अधीक्षक से अपेक्षा 
उधर वरिष्ट पत्रकार ने कहा कि जिस तरह से फर्जी शिकायत व उसके पहले रास्ता रोक कर उनके साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार कर उन्हें मानसिक रूप  से परेशान किया जा रहा है ऐसे में आस-पास क्षेत्र में वह पहुंचकर समाचार का संकलन डर भय के कारण नहीं कर पा रहे है यदि इस बीच उनके साथ कोई घटना घटित होती है तो इसकी सम्पूर्ण जवाबदेही माफिया बंटी व उनका रास्ता रोकने वालों व झूठी शिकायत करने वालो कह होगी। उन्होंने पुलिस अधीक्षक सहित आलाधिकारियों से सुरक्षा की मांग करते हुए दोषियों पर कार्यवाही की अपेक्षा की है।