शिकार के पूर्व पकड़े गए 5 शिकारी, जी.आई. तार एवं अन्य सामग्री जप्त
अनूपपुर। विगत 15 फरवरी 2024 को रात्रि गश्ती के दौरान वन परिक्षेत्र अनूपपुर अंतर्गत बड़हर बीट में भ्रमण के दौरान लगभग 11ः30 बजे बड़हर गांव के पटोरा खेत मे 400 मीटर एवं वनक्षेत्र पीएफ 388 में 100 मीटर अंदर बांस के खूंटे में जी.आई.तार बांधकर अपराधियों द्वारा वन्यप्राणियो के शिकार हेतु फैलाया गया था जी.आई. तार को उच्च विद्युत लाइन 11 केवी से फसाने के पूर्व ही रात्रि गश्ती कर रहे हैं वन कर्मचारी के एक वाहन को घटनास्थल की ओर आते देख शिकारी/अपराधी मौके से फरार हो गए मौका स्थल पर पहुंचे वन कर्मचारियों द्वारा घटनास्थल का जायजा लेने के पश्चात परिक्षेत्र सहायक किरर द्वारा मौके पर16 फरवरी 2024 को अपने वरिष्ठों को सूचना दी गई जिनके निर्देशन में डॉग स्क्वायड शहडोल के पहुचने, घटनास्थल के भूमि स्वामियों से पूछताछ की गई जिनकी निशानदेही पर दिनांक 17 फरवरी 2024 को अपराध में संलिप्त पांच आरोपियों बिसाहू पिता भगवती बंजारा उम्र 24 वर्ष, लालमन पिता सुखराम बंजारा, उम्र 24 वर्ष, जयकरण पिता बेसहान सिंह उम्र 52 वर्ष, जयसिंह पिता कतकू सिंह उम्र 55 वर्ष एवं दलवीर पिता रोदल सिंह उम्र 26 वर्ष सभी नि, ग्राम बड़हर से पूछताछ करने पर वन प्राणियों के शिकार के उद्देश्य दी तार कोटि के माध्यम से फैलाकर शिकार करने की बात स्वीकार करते हुए शिकार में प्रयोग किए गए की तार खूंटी संबल एवं अन्य सामग्रियों को जप्त कराते हुये अपराध करना स्वीकार किए जाने पर वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के विभिन्न धाराओ के तहद वन अपराध प्रकरण दर्ज किया गया। तथा आरोपियों के निशानदेही पर अपराध मे प्रयुक्त समाग्रियों को जप्त कियागया 18 फरवर को वन अपराध में संलिप्त 5 अपराधियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुतकिये जाने, न्यायालय के आदेश पर पांचों शिकारियों को जेल भेजा गया। उक्त कार्यवाही में स्वर्ण गौरव सिंह वन परिक्षेत्राधिकारी अनूपपुर, देवेंद्र कुमार पांडे, परिक्षेत्र सहा, किरर, संतोष कुमार श्रीवास्तव, परिक्षेत्र सहा, अनूपपुर, रमेश प्रसाद पटेल, परिक्षेत्र सहा, फुनगा, हरिनारायण  पटेल बीटगार्ड बड़हर, हरिशंकर महरा, नर्वदा प्रताप पटेल बीट गार्ड जमुड़ी, पंकज सिंह बीट प्रभारी खम्हरिया, राजबली साकेत बीटगार्ड  सोनमौहरी, राजीव कुमार पटेल बीटगार्ड दुधमनिया, दिनेश रौतेल बीटगार्ड पोड़ी, रोहित उपाध्याय बीटगार्ड भोलगढ़, अखिलेश प्रताप सिंह वनरक्षक एवं रविदास बैगा वनरक्षक वन चैकी किरर सम्मिलित रहे। वन क्षेत्र से घिरे किरर के किरर, औढेरा, अंकुआ, बडहर, छीरापटपर आदि ग्रामों में अक्सर गांव के ही कुछ शिकारी प्रवृत्ति के लोग शिकार करने के उद्देश्य से की तार एवं अन्य माध्यमों से शिकार करने का निरंतर प्रयास करते हैं जिसे वनविभाग में सूचना तंत्र का अभाव होने के कारण आए दिन शिकारी शिकार करने में सफल रहते हैं जबकि कुछ ही शिकार के प्रकरण प्रकाश में आने के कारण कार्यवाही हो पाती है नवागत वन मंडलाधिकारी से जिले के जनप्रतिनिधियों ने वन्य प्राणी बाहुल्य किरर क्षेत्र में पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में मुखबिर तंत्र तेज करने,सक्रिय रूप पर बगैर किसी सूचना के समय-समय पर आकस्मिक निरीक्षण करने तथा छोटी-छोटी घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए जमीनी स्तर तक पहुंचने की बात कही गई है,विगत दो माह के मध्य वन्य प्राणियों के कई शिकार के मामले प्रकाश में आ चुके हैं।