एम्स ने मरीजों की सुविधा के लिए एक वाट्सएप हेल्पलाइन नंबर (9355023969) जारी किया है, जो 29 फरवरी से 24 घंटे संचालित होगा। यदि एम्स में किसी मरीज से ओपीडी कार्ड बनवाने या इलाज के बदले रिश्वत की मांग करता है तो मरीज इस हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत कर सकते हैं।

एम्स का सुरक्षा विभाग मरीजों की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करेगा। मामले में दोषी पाए गए कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं दलालों के पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

मरीजों को ऐसे बरगलाने हैं दलाल 

असल में अस्पताल में दलालों की सक्रियता बड़ी समस्या रही है। दलाल मरीजों जल्दी इलाज कराने के नाम पर पैसों की मांग करते हैं। इसके अलावा एम्स में विभिन्न डायग्नोस्टिक लैब संचालकों के ऐसे दलाल सक्रिय है जो जल्दी जांच कराने का हवाला देकर मरीजों को बाहर निजी लैब में जांच कराने के लिए ले जाते हैं।

एम्स द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास को मरीजों और उनके रिश्तेदारों से इस तरह की शिकायतें मिली थीं। इसके मद्देनजर एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।

एम्स के मीडिया डिविजन की प्रभारी डॉ. रीमा दादा ने बताया कि इस पहल का मकसद एम्स को दलालों और रिश्वतखोरी से मुक्त करना है। मरीजों को बाहर जल्दी जांच के नाम पर बरगलाने या किसी भी चीज के लिए रिश्वत मांगे जाने पर मरीज वाट्सएप हेल्पलाइन पर किसी भी वक्त मैसेज भेजकर शिकायत कर सकते हैं।

मामले पर ठेके पर नियुक्त कर्मचारियों के दोषी पाए जाने पर उन्हें बर्खास्त और स्थायी सुरक्षा गार्डों की संलिप्तता पाए जाने पर उन्हें निलंबित किया जाएगा। इसके अलावा सुपरवाइजर के स्तर पर भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।