अवैध खनन परिवहन में पकड़े गए ट्रैक्टरों का रद्द हो कृषि कार्य हेतु पंजीकरण जिले में खत्म हो जाएगी 75 प्रतिषत अवैध खनन और परिवहन का कार्य

अवैध खनन परिवहन में पकड़े गए ट्रैक्टरों का रद्द हो कृषि कार्य हेतु पंजीकरण
जिले में खत्म हो जाएगी 75 प्रतिषत अवैध खनन और परिवहन का कार्य
इन्ट्रो-वर्तमान में अनूपपुर जिला के अंतर्गत विभिन्न थानो के के साथ माइनिंग विभाग द्वारा रोजाना 2 से 3 ट्रैक्टर अवैध खनिज परिवहन करते हुए पकड़े जा रहे हैं। अवैध रूप से खनिज के खनन के परिवहन के मामले में कृषि कार्य हेतु पंजीकरण ट्रैक्टरों की बढ़ती संख्या जहां चिंता का विषय है वही इस क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि अगर अवैध खनन और परिवहन में लिप्त ट्रैक्टरों का कृषि कार्य हेतु पंजीकरण रद्द करके उनके व्यावसायिक पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए तो जिले में अपने आप खनिज के 75 प्रतिषत अवैध खनन और अवैध परिवहन गैर कानूनी कार्य बंद हो जाएगा।
अनूपपुर। जिला खनिज विभाग द्वारा अवैध खनिज खनन और परिवहन को रोकने के लिए कोई ठोस नीति न होने के साथ-साथ पुलिस और प्रशासन द्वारा भी अवैध खनिज खनन और परिवहन पर कोई सकारात्मक कदम न उठाए जाने के कारण जिले भर में अवैध खनन और परिवहन की घटनाएं प्रकाश में आ रही है। जिले के सभी 10 स्थान के अंतर्गत 2 माह के दौरान देखा जाए तो अब तक सैकड़ो की संख्या में ट्रैक्टर पकड़े गए हैं जिसमें अवैध खनन करके लगे हुए रेत, बोल्डर, गिट्टी, मोरम, का अवैध ढंग से परिवहन किया जा रहा था। सूत्रों का कहना है कि पकड़े गए वाहनों की संख्या बहुत कम है अगर धरातल पर देखा जाए तो जिलेभर में अवैध परिवहन और अवैध खनन में लगे ट्रैक्टरों की संख्या लगभग 500 से ऊपर बताई जाती है। वहीं सूत्रों का कहना है कि कृषि कार्य हेतु पंजीकरण वाले ट्रैक्टरों में अवैध रूप से खनिज का परिवहन जहां पुलिस और माइनिंग विभाग के नियम कानून को तोड़ते हैं वही वह परिवहन विभाग में अपने कृषि कार्य हेतु पंजीकरण का भी धज्जियां उड़ा रहे हैं। लेकिन पुलिस विभाग और माइनिंग विभाग इसकी सूचना परिवहन विभाग को नहीं देती है जबकि होना यह चाहिए कि अवैध खनिज के खनन और परिवहन में पकड़े गए ट्रैक्टरों का कृषि कार्य हेतु जारी पंजीकरण के रद्द करने के लिए परिवहन विभाग में भी कानूनी कार्रवाई के लिए लिखा जाना चाहिए।
ला इलाज होती बीमारी का सटीक इलाज
जिले भर में अवैध खनिज परिवहन के मामले में ट्रैक्टरों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह कहां जा सकता है कि जिले में अवैध खनन और परिवहन की जो ला इलाज बीमारी बनती या बढ़ती जा रही है उसको रोकने के लिए जिला पुलिस माइनिंग विभाग के पास ट्रैक्टरों का कृषि कार्य हेतु पंजीकरण रद्द करना एक ऐसा सटीक इलाज है जिससे अपने आप जिले में 75 प्रतिषत अवैध खनन और परिवहन पर अंकुश लगाया जा सकता है। यहां पर यह भी बता दिया जाए की कृषि कार्य हेतु पंजीकृत ट्रैक्टरों के द्वारा अवैध परिवहन किए जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए पूर्व में कलेक्टर रही सोनिया मीणा ने इस विषय में सकारात्मक पहल की थी लेकिन बाद में ऐसा कौन सा कारण हो गया कि पूर्व कलेक्टर ने इसे लागू करने में विफल रही।
लगाया जा सकता है खनन माफियाओं पर अंकुश
यहां पर यह विशेष उल्लेखनीय तथ्य है कि अनूपपुर जिले की उबाल खबर पथरीली जंगल और पहाड़ के बीच रेत और बोल्डेरो के अवैध खनन करके उन्हें परिवहन करके अपनी सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचने के लिए ट्रैक्टर ही एकमात्र विकल्प है या यह कहा भी जा सकता है कि यह ट्रैक्टर खनन माफियाओं के लिए रामबाण है तो गलत नहीं है। ऐसे में अगर जिला पुलिस प्रशासन खनिज विभाग के साथ परिवहन विभाग को खनिजों के अवैध खनन और परिवहन में पकड़े गए ट्रैक्टरों के कृषि कार्य हेतु पंजीकरण रद्द करने का अभियान शुरू कर देता है तो जिले के खनिज माफिया के लिए सबसे बड़ा अंकुश का काम होगास वहीं दूसरी तरफ सूत्रों का कहना भी यह भी है कि जिन ट्रैक्टर मालिकों को कृषि कार्य के बाहर निकाल कर व्यावसायिक कार्य करना है वह जब अपना रजिस्ट्रेशन व्यावसायिक कार्यों के लिए कराएंगे तो सरकार को भारी राजस्व का भी फायदा होगा।