फॉरेस्ट डिपो के पास भीषण सड़क हादसा, दो की मौत दो गंभीर रूप से घायल
समय पर एंबुलेंस ना मिलने से मृतक को नहीं मिल पाया सही उपचार परिजनों ने व्यवथा पर लगाया आरोप
कोतमा।
नेशनल हाईवे नंबर 43 में लगातार दुर्घटना की खबर आती रहती है। प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा इस घटना को रोकने के लिए आपसी विचार विमर्श कर ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए। कोतमा थाना अंतर्गत नेशनल हाईवे 43 स्थित फॉरेस्ट डिपो के पास गुरुवार की शाम 6ः30 बजे के लगभग दो पहिया वाहन आपस में टकरा गए, दोनों वाहनों में दो-दो लोग सवार थे। जिसमें एक वाहन में सवार पति-पत्नी की कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं दो लोग जो एक वाहन में सवार थे गंभीर हालत में उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार भूषण चौधरी उम्र 42 वर्ष एवं बंतु बाई उम्र 35 वर्ष शादी के कार्यक्रम में पतेरा टोला से लतार जा रहे थे इसी दौरान बदरा की ओर से तेज रफ्तार दुपहिया वाहन में सवार दो लोग कोतमा की ओर आ रहे थे। जैसे ही फॉरेस्ट डिपो के पास पहुंचे दोनों की आपस में भिड़ंत हो गई। सभी घायलों को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा लाया गया जहां पर दो घायल व्यक्तियों को गंभीर चोट होने के कारण जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहीं पतेरा टोला निवासी भूषण चैधरी एवम् बंतु बाई की इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना की जानकारी लगते ही कोतमा थाना प्रभारी दलबल के साथ अस्पताल पहुंचे जहां पर मृतक के परिजनों ने समय पर एंबुलेंस ना मिलने, डॉक्टर के द्वारा गलत इंजेक्शन लगाए जाने के आरोप लगाकर हंगामा भी करने लगे हालांकि मामले की गंभीरता को थाना प्रभारी ने देखते हुए थाने से और बल बुला मृतक के परिजनों को शांत करते हुए शव को मोर्चरी में रखवाया।
इमरजेंसी सुविधा हो दुरुस्त
शासन द्वारा खंड स्तर पर संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आपातकालीन व्यवस्था को सुदृढ़ करने की जरूरत है इस भागम भाग जिंदगी में सड़क दुर्घटना जैसी घटनाएं आम हो गई हैं किंतु आपातकालीन व्यवस्था न होने के कारण प्राथमिक उपचार करते-करते ही मरीज दम तोड़ देते हैं। ब्लड बैंक एवं एक्स-रे मशीन को डिजिटल किया जाए जिससे मरीजों को सहजता से उपचार सुलभ हो सके।