पुलिस प्रशासन के साथ खनिज विभाग भी मैनेज कैसे रुकेगा अवैध खनन सबसे बड़ा सवाल
बिजुरी के छतई मझौली में रेत माफियाओं की धमा चौकड़ी 
इन्ट्रो-बिजुरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित छतई और मझौली गांव मे केवई नदी के किनारे रेत का अवैध खनन का कारोबार बंद होने की जगह बढ़ता जा रहा है। अगर यह कहां जाए की उक्त गांव में रेत माफियाओं की संख्या बढ़ती जा रही है तो गलत नहीं है।

 


(राम भैय्या)
अनूपपुर।
 जिले के बिजुरी थाना अंतर्गत छतई और मझौली गांव में रेत का अवैध खनन रुकने की जगह और तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। एक तरफ जहां गांव वासी सरपंच चंद्रा पनिका के नेतृत्व में अवैध रेत खनन को रोकने की मांग को लेकर जिले और संभाग के अधिकारियों का दरवाजा खटखटा रहे हैं वहीं दूसरी ओर खनिज विभाग के खुला संरक्षण प्राप्त होने के कारण वे तुम माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है कि जो काम पहले वह रात के अंधेरे में किया करते थे अब वह दिनदहाड़े भी उक्त गांव से अवैध रेत खनन करके नदी उसे पर छत्तीसगढ़ की सीमा अंतर्गत बिछिया गांव में अपने भंडारण में पहुंचाने लगे हैं। इसके पीछे का तर्क यही है कि उक्त रेत माफियाओं ने बिजुरी थाना से लेकर एसडीओपी कार्यालय कोतमा अनुविभागीय कार्यालय कोतमा के साथ-साथ प्रशासन और पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारियों को मैनेज कर चुके हैं। सूत्रों का दावा है कि खनिज विभाग पहले से ही रेत माफियाओं से मैनेज था अब जब पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी अवैध खनन रोकने की जगह रेत माफियाओं को खुला संरक्षण दे रहे हैं तो उक्त गांव में अवैध रेत का खनन कैसे रुकेगा यह लाख टके का सवाल उक्त गांव से लेकर जिला मुख्यालय तक गूंज रहा है और जिसका जवाब मांगने के लिए मझौली गांव की सरपंच चंद्रा पनिका अधिकारियों के यहां अपनी फरियाद सुन रही है लेकिन यहां पर अंधेर नगरी चैपट राजा टका शेर भाजी टका शेर खाजा की कहावत चरितार्थ हो रही है।
सत्ता का खुला संरक्षण माफियाओं के हौसले बुलंद
एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रदेश में कानून का राज्य स्थापित करने के लिए सभी को एक बराबर बता रहे वहीं दूसरी ओर कोतमा और बिजुरी क्षेत्र के कई बड़े भाजपा नेता जो रेत के अवैध कारोबार से जुड़े हैं खुलेआम यहां के रेत माफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि सत्ता पक्ष के संरक्षण के कारण ही ग्राम पंचायत मझौली की सरपंच चंद्र पनिका के लाख विरोध के बावजूद उक्त गांव में रात होते ही रेत माफियाओं के साथ-साथ अपराधिक तत्वों की धमा चैकड़ी शुरू हो जाती है जिसके कारण गांव में अशांति का माहौल है और उक्त गांव के लोग अधिकारियों का दरवाजा खटखटाकर रेत के अवैध खनन को रोकने की मांग कर रहे हैं लेकिन मौके पर जाकर पुलिस या खनिज विभाग के अधिकारी अवैध खनन रोकने की जगह शिकायतकर्ताओं को ही इस बात की समझाइए दे रहे हैं कि जो हो रहा है उसे होने दोस फिलहाल गांव वासियों का कहना है कि रेत माफियाओं की रात भर चल रही धमा चैकड़ी के कारण गांव में और सुरक्षा का माहौल है और कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है।
मझौली गांव की जनता घाट पर धरना प्रदर्शन की कर रही तैयारी
अधिकारियों का दरवाजा खटखटाते थक चुकी मझौली गांव की सरपंच चंद्रा पनिका ने फोन से हुई बातचीत में इस बात को स्वीकार किया है कि पुलिस प्रशासन और खनिज विभाग के रेत के अवैध कारोबार से जुड़े बाहरी माफियाओं से मैनेज होने के कारण हमारे गांव में अवैध खनन का कार्य रुकने की जगह बढ़ता जा रहा है अगर इसी तरह से रेत माफियाओं पर पुलिस प्रशासन और खनिज विभाग मेहरबान रहा तो मजबूरन गांव की जनता के साथ केवई नदी के घाट पर धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा। यही नहीं उक्त गांव के लोगों का भी कहना है कि जिस तरह से सैकड़ो वाहनों को लगाकर बाहरी रेत माफिया स्थानीय अवैध कारोबार से जुड़े और असामाजिक तत्वों के साथ साठ गांठ करके गांव के माहौल मे अशांति पैदा कर रहे हैं उनका सामना करने के लिए अब गांव वास कमरकस करके मैदान में उतरने को तैयार है जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला पुलिस और खनिज विभाग की होगी।