व्यंकटनगर में तिवारी बंधुओं का कहर,तिपान का लागातर कर रहे चीरहरण,अवैध उत्खनन परिवहन के कई मामले पहले भी 
अनूपपुर - अनूपपुर जिले का व्यंकटनगर में तिवारी बंधुओ के द्वारा लागातर नदियों का चीरहरण किया जा रहा है ग्रामपंचायत खोडरी के महेशा टोला निवासी अशोक तिवारी,और उसका भाई रजनीश तिवारी उर्फ गोलू इन दिनों व्यंकटनगर में रेत के सबसे बड़े अवैध कारोबारी के नाम से मशहूर हो चुके दोनों तिवारी बन्धु लागातर तिपान नदी के पथरघटवा एवं किशोर घाट से लागातर रेत का भारी मात्रा में अवैध उत्खनन और परिवहन कर रहे है सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन लोगों के द्वारा लगातार थाने पर नजर रखी जाती है जैसे ही पुलिस निकलती है इनको खबर हो जाती है और इन तक पहुंच पाना मुश्किलों भरा हो जाता है ये दोनों तिवारी बंधु लगातार तिपान को नोच रहे है खनिज विभाग की लापरवाही कहें या निरंकुशता की इतने भारी मात्रा में तिपान से रेत का अवैध उत्खनन और पतिवहन होने का बाउजूद इन तिवारी बंधुओं पर कोई कार्यवाही अब तक सुनिश्चित नही कर पाई पूर्व में भी अवैध तरीके से गिट्टी का परिवहन करते पकड़े जाने पर डग्गी खाली कर ये माफिया भागने की फिराक में थे पर उस मामले में खनिज विभाग ने घेराबंदी कर धर दबोचा था और उसके बाद से ये दोनों तिवारी बंधु लगातार तिपान नदी का चीरहरण कर रहे है पर आज तक न पुलिस और न खनिज विभाग इन तक पहुंच पाया है,इसके पूर्व भी इन तिवारी बंधुओं पर कई मामले अवैध उत्खनन और परिवहन के बन चुके है पर इनकी आदत में सुमार हो चुका है अवैध कारोबार फिर भला इन पर इतनी आसानी से कैसे रोक लगाई जा सकती है कार्यवाही एक बड़ी चुनौती बन चुका है,एक भाई जहां स्कूल जिला मुख्याल में खोल कर लोगों को ये बताने का प्रयास करता है कि सब कुछ एक नंबर का है जबकि उसके उलट पर्दे के पीछे ये एक बड़ा अवैध खनिज माफिया है दूसरा भाई लगातार खनिज के अवैध कारोबार को अंजाम अशोक तिवारी के संरक्षण में दे रहा है,
दोनों तिवारी बंधु मिल कर लगातार कई लाखों की रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन कर चुके है और आज भी रेत का अवैध कारोबार इन तिवारी बंधुओं का जारी है 
अब सवालिया निशान जिले के खनिज विभाग पर उठता है कि ऐसा नही है कि अशोक तिवारी के अवैध कारोबार की जानकारी आप तक नही है  जानकारी होने के बावजूद भी इन तिवारी बंधुओं पर नकेल न कस पाना ये साबित करता है कि जिले का खनिज विभाग पूर्ण रूप से निरंकुश हो चुका है  और इनसे किसी प्रकार से कार्यवाही की उम्मीद करना बेमानी होगी,दूसरी तरफ पुलिस के लिए सवसे बड़ी चुनौती यह है कि जैसे ही पुलिस रेलवे अंडर ब्रिज क्रॉस करती है रेत माफिया ट्रैक्टर नदी के उस पर ले कर भाग खड़े होते है और पुलिस के लिए अपनी गाड़ी नदी से उस पर ले जाना संभव नही हो पाता जिसका फायदा ये रेत माफिया लगातार उठा रहे है