नहीं रुक रहा मझौली में अवैध खनन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के संयुक्त टीम के कार्यवाही की जरूरत पर्दे के पीछे रेत माफियाओं को मिल रहा सत्ता का संरक्षण

नहीं रुक रहा मझौली में अवैध खनन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के संयुक्त टीम के कार्यवाही की जरूरत
पर्दे के पीछे रेत माफियाओं को मिल रहा सत्ता का संरक्षण
इन्ट्रो-जिले के बिजुरी थाना अंतर्गत मझौली में अवैध खनन कार्य रुकने का नाम नहीं ले रहा है। गांव वासी जहां इसे रुकवाने के लिए अधिकारियों के यहां चक्कर पर चक्कर लगा रहे हैं वहीं खनिज विभाग में नाप जोक कर अवैध खनन का प्रकरण बना तो लिया लेकिन इसके बावजूद अवैध रेत खनन माफियाओं पर लगाम लगाने में विफल रही। खनिज विभाग के सफलता के पीछे का चाहे जो कारण हो लेकिन गांव वासियों का यही कहना है कि सब कुछ पर्दे के पीछे का खेल है जिसके कारण खनन रेत माफियाओं के आगे खनिज विभाग के सारे नियम कानून फेल है।
(राम भैय्या)
अनूपपुर। जिला खनिज विभाग द्वारा शनिवार को मझौली गांव में केवई नदी के घाट पर 1 एकड़ से ज्यादा एक मीटर गहरा अवैध खनन का पंचनामा भर के कानूनी कार्यवाही करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है लेकिन इसके बावजूद इस क्षेत्र में अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है सूत्रों की माने तो अवैध खनन में लगे रेत माफियाओं ने अपने राजनीतिक संरक्षण करता के इशारे पर अब भी अवैध खनन कार्य में जुटे हुए हैं। वही गांव वासियों का कहना है कि खनिज विभाग और स्थानीय पुलिस अगर एक दिन रेत माफियाओं को खनिज विभाग का नियम कानून पढ़ा दे तो अवैध खनन रुक सकता है लेकिन पुलिस और खनिज विभाग केवल यहां आकर खाना पूर्ति करने में जुटा हुआ है। इस विषय में मझौली गांव के सरपंच चंद्रा पनिका का सहित गांव वासियों ने इस अवैध खनन की लगातार जानकारी पुलिस और खनिज विभाग के साथ-साथ राजस्व और प्रशासनिक अधिकारियों को भी दी जा रही है इसके बावजूद भी अवैध खनन का न रुकना अपने आप में इस बात का गवाह है कि छत्तीसगढ़ की टीपी पर बड़ा खेल खेलने आए रेत माफिया के आगे पुलिस प्रशासन और खनिज विभाग नतमस्तक हो गया है।
अनूपपुर और मनेद्रगढ़ जिले को संयुक्त कार्यवाही करने की जरूरत
छत्तीसगढ़ के बिछिया डाड में रेत भंडारण लेकर मध्य प्रदेश की सीमा से रेत का अवैध खनन मध्य प्रदेश के ही कोतमा और बिजुरी क्षेत्र में रेत बेचने के लिए बाहर से आए रेत माफियाओं पर अंकुश लगाने की बात जब छत्तीसगढ़ के मनेद्रगढ़ जिले के माइनिंग इंस्पेक्टर से की गई तो उनका कहना था कि हमारे पास स्टाफ की कमी होने के कारण हम उसे क्षेत्र पर विशेष नजर नहीं रख पा रहे हैं और जब भी जाते हैं तो माफियाओं के द्वारा पहले से ही कुछ दूर पर खड़े लोगों द्वारा रिकी काली जाती है जिसके कारण खनन कार्य में लगे ट्रैक्टर मध्य प्रदेश की सीमा में ही खड़े हो जाते हैं ऐसे में इस बात की जरूरत है कि छत्तीसगढ़ के मनेद्रगढ़ और मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के खनिज विभाग की संयुक्त टीम बनाई जाए और जब तक दोनों तरफ से दबाव बनाकर रेत माफियाओं पर कार्यवाही नहीं की जाएगी अवैध खनन नहीं रुक सकता। फिलहाल उनका मानना था कि इस संबंध में वह अपने अधिकारियों को अवगत कराते हुए दोनों जिले की संयुक्त टीम बनवाने का प्रयास करेंगे।
छत्तीसगढ़ की टीपी के खेल में सारे नियम कानून फैल
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के बिछिया डाड में भले ही लगभग तीन-चार साल पहले से भंडारण का काम कागज पर शुरू किया गया था लेकिन यहां पर यह कार्य नहीं हो रहा था लेकिन जैसे ही अनूपपुर जिले में सरकारी रेत के ठेकेदार ने अपना ठेका सिलेंडर किया वैसे ही बाहर से आए हुए कुछ रेत माफिया इस क्षेत्र में सक्रिय हो गए और अपनी ऊंची पहुंच के दम पर यह खेल शुरू कर दिए। सूत्रों की माने तो इस खेल के पीछे रेत माफिया का मकसद साफ है और वह मध्य प्रदेश की सीमा में ही अवैध ढंग से खनन करके जहां मध्य प्रदेश की प्राकृतिक संपदा को लूट रहे हैं वही मध्य प्रदेश सरकार को भी भारी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं कुछ सूत्रों का कहना है कि उक्त क्षेत्र में भंडारण करने वालों को ना तो मध्य प्रदेश की सीमा में और ना तो छत्तीसगढ़ की सीमा में खनन करने का कोई अधिकार नहीं है। छत्तीसगढ़ में जहां भी रेत की वैध खदानें संचालित हैं वहां से वह खरीद कर यहां भंडारण कर सकते हैं और फिर उसके बाद उनके खरीदी गई मात्रा के अनुसार पलट पर्ची खनिज विभाग छत्तीसगढ़ द्वारा जारी की जाती है। बताया जाता है कि यहां के खनन माफिया छत्तीसगढ़ के वेद संचालित रेत खदानों से मात्र टीपी खरीदने हैं और वह उतनी मात्रा में मध्य प्रदेश की सीमा से केवई नदी से रेत निकाल रहे हैं। इस विषय जानकारों का कहना है कि यही कारण है कि जब अनूपपुर में रेत का कारोबार बंद हो गया तो इस कारोबार से जुड़े माफिया छत्तीसगढ़ की टीपी के नाम पर यह खेल शुरू कर दिए हैं जिस पर लगाम लगाना बहुत ही जरूरी है।