आखिर किसकी सह पर आर ओ एम कोयले की जगह स्टीम कोयले का चल रहा है कारोबार?
तो क्या कंपनी को हो रहे प्रतिदिन करोड़ों के नुकसान से अंजान हैं जिम्मेदार
रामनगर।
अनूपपुर एसईसीएल हसदेव क्षेत्र की राजनगर खुली खदान परियोजना में वर्तमान में खुले आम कोयले की हेरा फेरी कुछ अधिकारियों के द्वारा ट्रांसपोर्टरों से मिलीभगत कर किया जा रहा है, जिससे कंपनी को करोड़ों का नुकसान हो रहा है और कई अधिकारी इस काले हीरे के व्यापार में पर्दे के पीछे की सहभागिता सुनिश्चित कर मलाई छान रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डी ओ होल्डरो को आर ओ एम कोयले की जगह स्टीम कोयला उपलब्ध कराया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो इसके बदले में कालरी के अधिकारियों को ट्रांसपोर्टरों के द्वारा लंबी रकम अदा की जाती है और यह रकम लाखों में नहीं, बल्कि करोड़ों में आंकी जा रही है। वहीं इस हेरा फेरी के संबंध में जब कॉलरी के अधिकारियों से जानकारी लेने की कोशिश जाती है तो अधिकारी किसी प्रकार का जवाब देने से बचते नजर आते हैं, किंतु खुली खदान के कोल डिपो परिसर में अवैध रूप से कोयला छटनी में लगे लगभग 50 की संख्या में लेवर कोयले की हेरा फेरी में डोजर मशीनों के आस पास लगे रहते हैं, जो कि हेरा फेरी की दास्तान खुद बयां करते हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हसदेव क्षेत्र के राजनगर खुली खदान परियोजना में उत्पादित कोयले का ऑक्शन कर विक्रय किया जाता है, जो कि रोड सेल के माध्यम से ट्रांसपोर्ट किया जाता है। कोल कंपनी के बिलासपुर हेड क्वार्टर द्वारा डी ओ होल्डरों को आर ओ एम कोयले की दर पर कोयला का टेंडर प्रदान किया जाता है। स्थानीय स्तर पर डी ओ होल्डरों द्वारा अधिकारियों से सांठगांठ कर आर ओ एम कोयले की जगह स्टीम कोयला लेते हैं, जिसे ट्रक में लोड कर ट्रांसपोर्ट किया जाता है। कोयला लोड करने के लिए मजदूर लगाए जाते हैं, जो कोयले को छाट छाट कर ट्रक में भरते हैं, जो कि नियम विरुद्ध कार्य है।कुछ अधिकारियों की मानें, तो कहा जाता है कि जैसा कोयला खदान से आता है, वैसा ही दिया जाता है, छंटनी का कोई प्रावधान नहीं है। यदि उच्च अधिकारियों के द्वारा जल्द से जल्द इस विषय पर ध्यान नहीं दिया गया, तो  कोल कंपनी को अरबों का नुकसान उठाना पड़ सकता है।