भोपाल ।  भोपाल क्राइम ब्रांच एक सटोरियों के ठिकाने पर कई बार छापेमारी की, लेकिन बार-बार सूचना लीक हो जाने के कारण सटोरिये के ठिकाने पर कुछ नहीं मिलता था। जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने पता लगाना शुरू किया कि आखिरकार यह हर बार बच कैसे जाता है, इसे सूचना कौन दे रहा। सटोरिये के मोबाइल की कॉल डिटेल पुलिस ने निकलवाई तो पता चला कि भोपाल क्राइम ब्रांच में पदस्थ एक आरक्षक और एएसआई ही सूचना लीक करने में शामिल हैं। अधिकारियों ने आरक्षक और एएसआई को निलंबित कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि अधिकारी इसे कार्य में  लावारही पर कार्रवाई होना बता रहे हैं।

जानकारी के अनुसार पुराने शहर में नरेश मरघट नाम का एक बड़ा जुआरी है। वह अपने एक ठिकाने से सट्टे और जुए का फड़  चलाता है। क्राइम ब्रांच ने कई बार उसके ठिकाने पर छापा मारा, लेकिन हर बार पुलिस खाली हाथ लौट आती थी। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने एक सिपाही से नरेश जुआरी का मोबाइल नंबर इंटरसेप्टर के लिए लिया। जिसके बाद पता चला कि क्राइम ब्रांच में पदस्थ एएसआई रामवरण यादव और जुआरी का मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने वाला आरक्षक ही उसे क्राइम ब्रांच द्वारा जब भी कार्रवाई की तैयारी की जाती थी, सूचना लीक कर देते थे। आरक्षक और एएसआई की भूमिका संदिग्ध पाए जाने के बाद पुलिस अधिकारियों ने दोनों को निलंबित कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में एक पुलिस अधिकारी के भी जुआरी से पुराने संबंध होना बताया जा रहा है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।