डिप्टी रेंजर ने लिखित आवेदन और शपथ पत्र के माध्यम से डीएफओ अनूपपुर को मामले की जानकारी प्रदान कर लगाई थी बहाली की गुहार
कोतमा/बिजुरी।
कुछ दिनों पूर्व अनूपपुर जिले के वन मंडलाधिकारी कार्यालय के वन परिक्षेत्र कार्यालय बिजुरी अंतर्गत रामनगर बैरियर नाका में पदस्थ डिप्टी रेंजर स्व.प्रेमलाल वनवासी की मृत्यु उनके अपने पैतृक गांव थाना-करनपठार अंतर्गत ग्राम बसंतपुर में कुएं में गिरकर हुई थी।प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक डिप्टी रेंजर को कार्यालय वनमंडलाधिकारी अनूपपुर के आदेश पर फर्जी टी.पी. जारी करने के मामले में निलंबित कर दिया गया था।
’ये है मामला’
मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार मृत्यु से पूर्व डिप्टी रेंजर द्वारा आवेदन तथा शपथ पत्र के माध्यम से वन मंडलाधिकारी अनूपपुर को लिखित जानकारी प्रदान किया गया था कि कूटरचित टी.पी.जारी करने के मामले में प्रार्थी को आरोपित करते हुए दिनांक-29/12/2023 को निलंबित कर मुख्यालय वन परिक्षेत्र अनूपपुर में पदस्थ कर दिया गया है,जबकि मेरे द्वारा पूरी ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपनी ड्यूटी की गई है।घटना दिनांक 28/12/2023 की शाम लगभग 8ः00 बजे एक व्यक्ति द्वारा ट्रक में छत्तीसगढ़ की ओर से लकड़ी लेकर आना बताया गया और एक भरा हुआ टी.पी. मुझे हस्ताक्षर करने के लिए बार बार कहने लगा,जिस पर मेरे द्वारा कहा गया कि टीपी और अन्य कागजात रेंज ऑफिस बिजुरी में जमा है जिससे मेरे द्वारा टी.पी. जारी नही की जाएगी, ऐसा कहते हुए उसे मना करने पर वह कहीं चला गया। लेकिन कुछ समय बाद पुनः वापस आकर उक्त व्यक्ति द्वारा मुझसे यह बोला गया कि आपके रेंज ऑफिस बिजुरी के कंप्यूटर ऑपरेटर संजय शुक्ला से बात कर लो उन्होंने बोला है कि इस पर ही टी.पी.जारी हो जायेगी। मेरी उनसे बात हो गई है, चाहो तो पूछ लो।जिस पर उसके बात की सत्यता की जांच के लिए मेरे द्वारा कंप्यूटर ऑपरेटर संजय शुक्ला से पूछने पर उसने बताया कि मेरी बात हो गई है,आप उस टीपी पर अपना सील लगाकर हस्ताक्षर कर दो।जिसके बाद कंप्यूटर ऑपरेटर की बात के आधार पर वन परिक्षेत्र अधिकारी बिजुरी की सहमति मानकर उक्त टीपी पर सील लगाकर मेरे द्वारा हस्ताक्षर कर दिया गया था।
’बच्चो के भरण पोषण हेतु निलंबन बहाल करने दिया आवेदन’
मामले में डिप्टी रेंजर प्रेमलाल वनवासी द्वारा अपनी मौत से लगभग महीने भर पूर्व आवेदन तथा शपथ पत्र देकर निलंबन को बहाल करने का अनुरोध वन मंडलाधिकारी अनूपपुर के समक्ष किया गया था।जिसमे उसने अपने बच्चो के भविष्य,शिक्षा दीक्षा और भरण पोषण में उत्पन्न होने वाली समस्याओं से अपने वरिष्ठ अधिकारी को अवगत कराते हुए निलंबन को बहाल करने का अनुरोध किया था।किंतु सोचने वाली बात यह भी है कि सस्पेंड होने के पश्चात जिस व्यक्ति ने अपने बाल बच्चो और परिवार के भरण पोषण हेतु चिंतित होकर डीएफओ अनूपपुर के समक्ष लिखित शपथ पत्र पेश कर अपनी बहाली की मांग किया हो वह भला इतनी जल्दी कैसे अपने पूरे परिवार को छोड़कर इस दुनिया को अलविदा कह सकता है..?
’फर्जी टीपी के नाम पर शासकीय अभिलेखों का दुरुपयोग’
डिप्टी रेंजर वनवासी द्वारा अपने शपथ पत्र में जिक्र किया गया है कि दिनांक 28/12/2023 की शाम लगभग 8रू00 बजे छत्तीसगढ़ की ओर से ट्रक में लकड़ी लेकर आए हुए एक व्यक्ति के पास पूर्व से ही भरी हुई टी.पी.थी,जिसे मेरे हस्ताक्षर और सील से जारी कराने का बार बार प्रयास किया का जा रहा था।वही उक्त लकड़ी परिवहनकर्ता द्वारा बार बार जिस पूर्व से भरी टी.पी.को जारी करवाने का प्रयास किया जा रहा था,उसके पास आखिर वह टी.पी.कहा से आई..?इस तरह वन विभाग के टीपी जैसे प्रमुख शासकीय अभिलेखों का यह बहुत बड़ा दुरुपयोग है जिसका गलत तरीके से उपयोग कर शासन को गुमराह किया जा रहा है।
’इनका कहना है’
मैं अभी बाहर हूं, उक्त मामले की जानकारी मुझे नही है, आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है,जिसकी जानकारी मेरे द्वारा 2/3 दिन के बाद प्रदान की जाएगी।
’श्रद्धा पेंद्रे’
’वन मंडलाधिकारी अनुपपुर’