एक तरफ भाजपा की निष्क्रिय प्रत्याशी दूसरी तरफ कांग्रेस का सक्रिय प्रत्याशी फैसला जनता पर-जीतू पटवारी
सभा मंच पर सुनील सराफ का न आना बना चर्चा का विषय
इन्ट्रो- बुधवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी सदन में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने अनूपपुर आकर कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी फुन्देलाल सिंह मार्को के पक्ष में नामांकन रैली को संबोधित किया। इस दौरान शहडोल संसदीय क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की मौजूदगी ने इस बात का संकेत दे दिया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को कम न आंका जाए।
(राम भैय्या)

अनूपपुर। शहडोल संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी फुन्दे लाल सिंह मार्को के नामांकन रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भाजपा की प्रत्याशी हिमाद्री सिंह पर तीखा हमला बोलते हुए कई तरह के सवाल खड़े किए। जीतू पटवारी का कहना था कि एक तरफ भाजपा का निष्क्रिय प्रत्याशी है तो दूसरी तरफ कांग्रेस का सक्रिय प्रत्याशी यही नहीं जीतू पटवारी ने सभा में मौजूद कांग्रेसियों की तरफ संबोधित करते हुए कहां की अगर किसी के पास या किसी के गांव में हिमाद्री सिंह किसी के सुख-दुख या कभी भी विकास कार्य को लेकर गई हो तो बताया जाए यही नहीं प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने हिमाद्री सिंह के 5 साल के कार्यकाल के दौरान शहडोल क्षेत्र की जनता की समस्याओं को सदन में रखने को लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े किए तू पटवारी का साफ-साफ कहना था कि भाजपा की निष्क्रिय प्रत्याशी की जगह कांग्रेस के सक्रिय प्रत्याशी को सभी कांग्रेसी जी जान से लगकर विजई बनाए वही नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मोदी सरकार ने दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी क्या दिया नही दिया वही भाजपा एमसपी की बात नही करती हम केंद्र में सरकार में आयेंगे तो किसानों की कर्जमाफी करेंगे, आज भी कई मजरे टोले बिजली विहीन है सरकार कहती है चैबीस घंटे बिजली मिलती है कोई भी मजरे टोले का निवासी कह दे कि चैबीस घंटे मिलती है तो स्तीफा दे वही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि भाजपा सरकार ने किया दिया अगर केंद्र में हमरीं सरकार बनती है तो ग्रेजुएट युवाओं को आठ हजार पांच सौ की नौकरी देंगे, हम किसानों के लिये गेंहू और धान पर तीन हजार की एमसपी देंगे, किसानों का कर्ज माफ करेंगे शहडोल की जनता को निर्णय लेना है, बहनों को आठ हजार पांच सौ की आर्थिक सहायता करेंगे, शहडोल की जनता को तय करना है अहंकार और आतंक का नाश करने है निष्क्रिय हटाओ सक्रिय चुनो।
पूर्व विधायक सहित जी 23 के नेताओं की हुई वापसी
कांग्रेस की नामांकन रैली में जुटे हजारों कांग्रेसियों के बीच बीते विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी से बगावत करने के आरोप में निष्कासित कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज अग्रवाल, युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष गुड्डू चौहान, अध्यक्ष रफी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक त्रिपाठी राजकुमार शुक्ला राकेश शुक्ला कि कांग्रेस में वापसी की गई फिलहाल कांग्रेस में वापसी होने के बाद जी 23 के नेताओं की भूमिका आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हो जाएगी। यहां पर विशेष उल्लेखनीय तथ्य है कि यह वही कांग्रेस के बागी नेता है जिन्होंने बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदेश नेताओं से कोतमा में विधानसभा प्रत्याशी बदलने की मांग की थी और प्रत्याशी न बदले जाने से नाराज होकर कांग्रेस से बगावत कर दी थी और कांग्रेस प्रत्याशी के हार का मुख्य कारण आज भी इन्हें ही माना जाता हैस ऐसे में इनका लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस में वापसी करना लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी के लिए अच्छे संकेत माने जा रहे हैं।
सभा के मंच पर ना आना सुनील सराफ का
वैसे तो प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में सूर्या होटल के ग्राउंड में आयोजित कांग्रेस की यह सभा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उत्साहवर्धक तो कहीं जा सकती है क्योंकि जो भी भीड़ थी वह वर्तमान में कांग्रेस की हालत को देखते हुए सामान्य कहीं जा सकती है। लेकिन इस सभा के मंच पर कोतमा के पूर्व कांग्रेस विधायक सुनील सराफ का ना होना अपने आप में कई तरह की राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दे दिया है। फिलहाल यहां पर विशेष उल्लेखनीय बात है कि कोतमा के पूर्व कांग्रेस विधायक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का स्वागत करने के लिए अपने समर्थकों के साथ हेलीपैड पर तो मौजूद रहे लेकिन वह सभा स्थल पर नहीं आए वैसे इसके पीछे का कारण जो भी रहा हो लेकिन अपने धुर विरोधियों पूर्व विधायक मनोज अग्रवाल अशोक त्रिपाठी गुड्डू चौहान राजकुमार शुक्ला राकेश उर्फ गर्ग शुक्ला कि कांग्रेस में वापसी शायद उनको नागवार गुजर रही थी वहीं उन्हें इस बात का भी पता था कि कार्यक्रम स्थल पर मीडिया भी रहेगी और उनके पास अपने सबसे खास समर्थक कोतमा नगर पालिका के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का कांग्रेस से बीजेपी में जाने के सवाल का कोई जवाब नहीं था एक कारण यह भी हो सकता है कि वह इस सवाल से बचने के लिए सभा स्थल पर ना आना ही जरूरी समझा।