कहां गई नीले रंग की मारुति ओमनी पुलिस कप्तान को सूचना देते ही जमीन खा गई आसमान मिर्ची के हत्या के खुलासे से ज्यादा पुलिस के खर्चे की चर्चा ज्यादा

कहां गई नीले रंग की मारुति ओमनी पुलिस कप्तान को सूचना देते ही जमीन खा गई आसमान
मिर्ची के हत्या के खुलासे से ज्यादा पुलिस के खर्चे की चर्चा ज्यादा
इन्ट्रो- बिजुरी नगर पालिका क्षेत्र में होली के दिन से ही लावारिस खड़ी नीले रंग की ओमनी कार सोमवार तक तो देखी गई लेकिन जैसे ही इसकी सूचना पुलिस कप्तान को दी जाती है उसके बाद इस कार को जमीन खा गई आसमान इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
(राम भैय्या)
अनूपपुर। सोमवार को देर शाम जिले के पुलिस कप्तान बिजुरी थाना में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करके मिर्ची कॉल के हत्या की खुलासा करते हैं जिसमें से पुलिस का कहना है कि मिर्ची कोल की गांव के कुछ दोस्तों ने इस कारण हत्या कर दी की मृतक अच्छा कपड़ा अच्छा रहना और मोबाइल रखता था लेकिन पुलिस की यह कहानी अभी लोगों के गले के नीचे नहीं उतरी थी कि एक ऐसी घटना घट गई की जिससे बिजली पुलिस पर खड़े हो रहे सवाल अपने आप महत्वपूर्ण हो जाते हैं। घटना थी काली मंदिर रोड पर खड़ी नीले रंग की मारुति ओमनी कार सीजी 04 एचए 8241 जो लगभग इसी हत्या के दौरान से भी यहां पर लावारिस खड़ी थी लेकिन जैसे ही बिजुरी हमारे प्रतिनिधि तीरथ प्रसाद मिश्रा ने पुलिस कप्तान को फोन करके इसकी जानकारी दी इसके बाद यह नीले रंग की मारुति ओमनी कार गायब हो गई जबकि वार्ता के दौरान पुलिस कप्तान ने हमारे पत्रनिधि से कहा कि मैं इसकी ही तलाश हमें थी और मैं अभी उसे जब्त करवाता हूं।
कबाड़ की काले धंधे से जुड़ी कहानी
मिर्ची कॉल की हत्या के बाद से ही आम जनमानस में चर्चा की की रिया घटना कहीं न कहीं कबाड़ के काले धंधे से हो रही चकाचैंध कमाई हो सकती है मृतक मिर्ची कॉल कि जब शिनाख्त हुई तो यदि स्पष्ट हो गया कि यह कालरी क्षेत्र में कबाड़ से जुड़े एक बड़े व्यवसाई के यहां ड्राइवर की नौकरी ही करता था। लेकिन पुलिस ने एक व्यवसाई से जुड़ा बताकर कबाड़ी शब्द को गोल कर दिया जो कि कहीं ना कहीं पुलिस को संदिग्ध श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। पुलिस कप्तान के खुलासे के तत्काल बाद जब हमारे प्रतिनिधि तीरथ मिश्रा से जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल कार्ड कोड जब कराने की बात कही थी। वही पुलिस सूत्रों कौन विश्वास करे तो पुलिस कप्तान ने बिजुरी टीआई को सूचना के तत्काल बाद फोन पर कार्ड को जब करने की बात कही थी। लेकिन कार जप्त नहीं हुई और जब आम लोगों की सुबह नीद खुली तो एक हफ्ते से लावारिस खड़ी कार गायब हो गई। अब आम लोगों का तर्क है कि अगर यह लावारिस खड़ी कार बरामद करके उसकी जांच जाती तो पुलिस कप्तान द्वारा बताई गई म्यूजिक ओके हत्या के बिंदु पर अपने आप प्रभाव पड़ता स क्योंकि जिस पुलिस ने पूरे प्रकरण को कबाड़ व्यवसाय से अलग हटाकर पेश किया है यह नीले रंग की ओमनी कार उस कहानी की पोल खोल देती।
चुनाव के समय ऐसी लापरवाही भगवान भरोसे जनता
होली का त्योहार और चुनावी हुड़दंग के प्रदेश सरकार के मंत्री के गृह नगर में एक हफ्ते से ज्यादा दिनों तक लावारिस खड़ी कर और उसमें विशेष यह बात की काली मंदिर के आसपास के कई लोग इसकी सूचना पुलिस को पहले भी दे चुके थे इसके बावजूद भी पुलिस की ऐसी लापरवाही ना तो देखने को मिली थी ना सुनने को खाने को तो जिले में तेज सरदार और ईमानदार पुलिस कप्तान है जिनके फोन जाने के बाद भी बिजुरी पुलिस ने लावारिस खड़ी कर को जप्त करने की जरूरत नहीं समझी यह इस बात का संकेत देने के लिए काफी है कि बिजुरी थाने की पुलिस अपने पुलिस कप्तान के निर्देशों को भी ठेंगे पर रखती है। फिलहाल चुनाव के समय पुलिस की ऐसी लापरवाही या यह भी कहीं जा सकती है कि कबाड़ के काले धंधे से जुड़े इस मामले को जानबूझकर वफा दफा कर दी तो गलत नहीं है। फिलहाल अब देखना यह है कि मिर्ची की हत्या के बाद से ही आम जनता में कबाड़ के काले धंधे से जुड़ी कहानी की जो चर्चा थी उसे बिजुरी पुलिस जनता के सामने सच लाने में सफल होती है या फिर यह हत्या पुलिस के द्वारा बनाई गई कहानी में ही सूरज कर भी उलझा ही रह पाएगा।