नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने आई. एन. डी. आई. ए (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) का उपयोग करने से रोकने की मांग याचिका पर केंद्र और कई विपक्षी दलों को जवाब दाखिल करने का आखिरी मौका दिया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि आई. एन. डी. आई. ए नाम का उपयोग करके पार्टियां हमारे देश के नाम पर अनुचित लाभ ले रही हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा कि जनहित याचिका पर एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल किया जाए। अदालत ने याचिका पर सुनवाई की तारीख आगे बढ़ाने से इनकार करते हुए कहा कि याचिका पर 10 अप्रैल को सुनवाई और निपटारा करने का प्रयास किया जाएगा। याचिकाकर्ता गिरीश भारद्वाज ने इस आधार पर मामले की जल्द सुनवाई की मांग की गई थी कि याचिका अगस्त 2023 से लंबित है और दलीलें अभी तक पूरी नहीं हुई हैं और चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता वैभव सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार और विपक्षी दलों को पहले ही आठ अवसर दिए जा चुके हैं लेकिन उन्होंने अभी तक अपना जवाब दाखिल नहीं किया है अधिवक्ता सिद्धांत कुमार ने अदालत को बताया कि चुनाव आयोग पहले ही इस मामले में अपना जवाब दाखिल कर चुका है। नवंबर, 2023 में केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने मामले में अदालत से जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते या 10 दिन का और समय देने का अनुरोध किया था। वहीं, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक सहित नौ राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा था कि याचिका के खिलाफ प्रारंभिक आपत्तियां थीं और सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मुद्दे से निपट चुका है। याचिकाकर्ता ने 26 राजनीतिक दलों द्वारा आई. एन. डी. आई. ए नाम के उपयोग पर रोक लगाने और प्रतिवादी राजनीतिक गठबंधन द्वारा भारत के साथ राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश की मांग की है।