नई दिल्ली । पुलिस ने बताया है कि उमर खालिद झूठी और भ्रामक खबरों के लिंक के जरिए समाज में एक झूठी कहानी स्थापित करना चाहता था। उसने एक व्हाट्सऐप ग्रुप के सदस्यों से अदलत की सुनवाई के बाद विरोध-प्रर्दशन करने की योजना बनाने का आग्रह किया था। पुलिस ने बताया है कि उमर खालिद झूठी और भ्रामक खबरों के लिंक के जरिए समाज में एक झूठी कहानी स्थापित करना चाहता था। उसने एक व्हाट्सऐप ग्रुप के सदस्यों से अदलत की सुनवाई के बाद विरोध-प्रर्दशन करने की योजना बनाने का आग्रह किया था। उन्होंने बताया कि उमर खालिद के मोबाइल डाटा से पता चला है कि उमर ने कुछ अभिनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और मशहूर हस्तियों से दिल्ली पुलिस के खिलाफ खबर चलाने के लिए के लिए कुछ समाचार पोर्टल के लिंक शेयर किए और उनको ज्यादा से ज्यादा लिंक को शेयर करने को कहा था। आरोप है कि उमर इन झूठी और भ्रामक खबरों के जरिए समाज में एक झूठी कहानी स्थापित करना चाहता था। उसने ने एक व्हाट्सऐप ग्रुप के सदस्यों से अदालत की सुनवाई के बाद विरोध-प्रर्दशन करने की योजना बनाने को कहा था। अमित प्रसाद ने कोर्ट के सामने एक वीडियो भी चलाया, जिसमें उमर खालिद के पिता सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाते हुए नजर आ रहे है। उमर खालिद के पिता ने एक पोर्टल से बात करते हुए कहा कि मुझे सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नही है, इसलिए मैं ट्रायल कोर्ट में आया हूं। इसी तरह उमर के पक्ष में माहौल बनाया जा रहा था उमर खालिद दिल्ली का रहने वाला है। दिल्ली विश्वविधालय से बैचलर्स की डिग्री लेने के बाद उसने जेएनयू में एडमिशन लिया और यहां से मास्टर्स और एमफिल करने के बाद जेएनयू से ही पीएचडी पूरी कर ली। पढ़ाई के साथ-साथ खालिद की दिलचस्पी ऐक्टिविज्म में भी रही है। वह जेएनयू का छात्र नेता भी रहा है। वह दिल्ली उत्तर-पूर्वी दंगे का मुख्य आरोपी है। उस पर साजिश रचने का आरोप है। वह सितंबर 2020 से ही जेल में बंद है। उसके खिलाफ 2 एफआईआर दर्ज हैं। एक मामले में उमर को अप्रैल 2021 में जमानत मिल गई थी, जबकि दूसरे मामले में गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम यानी यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं।