कोतवाली प्रभारी की गैर मौजूदगी में नाबालिग के साथ पुलिस की बर्बरता ने खड़े किए सवाल,न्याय के लिए दरदर भटक रहा पीड़ित परिवार - विजय उरमलिया की कलम से

कोतवाली प्रभारी की गैर मौजूदगी में नाबालिग के साथ पुलिस की बर्बरता ने खड़े किए सवाल,न्याय के लिए दरदर भटक रहा पीड़ित परिवार
अनूपपुर - पिछले कुछ महीने से अनूपपुर कोतवाली पुलिस चर्चा में रही और इसमे सबसे ज्यादा चर्चित नाम जो रहे उसमे मंगला दुबे,महेंद्र राठौर,मनोज गुर्जर,दिनेश पाटिल और ये नाम ऐसे है जो कोतवाली पुलिस की शाख में बट्टा लगा रहे है चाहे मामला रेत के अवैध उत्खनन का रहा हो या माफ़ियायों को संरक्षण देने का और जब यही रेत माफिया इन पुलिस कर्मियों को चढ़ोत्तरी देने से मना कर काम बंद किया तो बौखलाये साहबानो ने घरों में दबिश देनी शुरू कर दी और फिर क्या था देश भक्ति जन सेवा की बात करने वाली कोतवाली पुलिस अमर्यादित होने के साथ साथ उस मदमस्त हांथी की तरह हो गई जो पागल होने के बाद यह नही देखता की सामने क्या बच्चे क्या बूढ़े है सब को अपनी जद में लेने लगता है,और ऐसे ही वाक्य तब घटित हुआ जब कोतवाली प्रभारी अरविंद जैन छुट्टी में थे और इसी मौके का फायदा उठा कर कुछ पुलिस कर्मी लगातार तांडव करते रहे और पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह पवार से हुई शिकायत से यह स्पष्ट भी हो गया कि पुलिस करे तो कर्मठता और अगर यही काम कोई आम आदमी करे तो अपराध ,शिकायत कर्ता कमलेश यादव ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये है नाबालिग के पिता ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत में अपने नाबालिग पुत्र के साथ पुलिस के द्वारा की गई बर्बरता की कहानी बयां की है और जिन पुलिस कर्मियों का नाम शिकायत में लिखा है वो लगातार रेत माफियाओं के संपर्क में रहने वाले है पिछले चार महीने की अगर इन सभी की कॉल डिटेल के साथ साथ व्हाट्सअप की जांच की जाये तो दूध का दूध और पानी का पानी होने में वक्त नही लगेगा,बहरहाल जो भी हो नाबालिग का अपराध क्या था जो पुलिस ने पहले तो उसके साथ घर मे घुस कर मार पीट गाली गलौज करते हुए डग्गे में उठा लाई और अब कोतवाली पुलिस के साथ साथ एसडीओपी भी कटघरे में है चूंकि शिकायत में यह भी जिक्र किया गया है कि पीड़ित शिकायत ले कर एसडीओपी अनूपपुर के पास पहुंचे थे तो साहब ने यह कहते हुए शिकायत फेंक दिया कि मेरे द्वारा पुलिस भेजी गई थी,अब सवाल यह उठता है कि आखिर पुलिस रात में क्या करने घर मे घुसी थी और अगर गई थी तो क्या पाया कई सवाल पुलिस की कार्यप्रणाली को संदेहास्पद बनाते है और गौर करने वाली बात तो यह है कि जैसे ही थाना कोतवाली प्रभारी छुट्टी पर जाते है कोतवाली पुलिस विवादों में घिर जाती है तो क्या ये सभी पुलिस कर्मी कोतवाली प्रभारी अरविंद जैन की अनुपस्थिति का इंतजार कर रहे थे