खनिज विभाग और ठेकेदार की सांठगांठ से मानपुर में अवैध रेत का उत्खनन शुरू 
अनूपपुर - बीती आधी रात से मानपुर खदान से रेत का उत्खनन शुरू हो गया रेत ठेका लेने वाली कंपनी ने खनिज विभाग से सांठगांठ कर रेत खदान चालू कर दी जबकि इस खदान में अब तक न तो बोर्ड लगा और न ही सिमा निर्धारण चिन्ह लगाये गये की रेत कंपनी को कहां से कहाँ तक रेत का उत्खनन करना है और बीती रात से रेत का उत्खनन शुरू हुआ और आज नदी में पोकलेन मशीन उतार दी गई ऐसा लगता है जैसे रेत खदान के ठेकेदार और खनिज विभाग को जानकारी नही है कि मशीन से नदी में क्या काम होना है पर बाकायदा पहले दिन ही गड्ढा करते हुए पानी के अंदर से रेत निकालनी शुरू कर दी गई इसी तरह सीतापुर खदान में गढ्ढा कर रेत निकाली गई थी नतीजतन इस शहर के तीन बच्चों की दुःखद मौत उन्ही गढ्ढो में डूबने से हो गई थी उसके बावजूद इस तरह से गढ्डा कर रेत निकालना किसी बड़ी दुर्घटना के अंजाम तक पहुंचाने की कवायद की ओर इशारा करता है,दूसरी तरफ जानकारी के मुताबिक नदी का पचास फीसदी चैड़ाई तक रेत खदान होती है यहां तो पहले ही दिन नदी के दूसरे छोर से रेत का उत्खनन शुरू कर दिया गया है,जिला खनिज अधिकारी और खनिज निरीक्षक नदी तक पहुंची थी आज पर गाड़ी से उतर कर देखना मुनासिब नही समझा कि आखिर रेत ठेकेदार कर क्या रहा है सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पिछली बार चार लाख रुपये लेकर जिस तरह से सीमांकन किया गया था वही दोबारा करने की फिराक में है मिली जानकारी के मुताबिक पिछली बार तीस मीटर नदी का किनारा छोड़ कर सीमांकन किया गया था उसके एवज में मोटी रकम ली गई थी अगर नियमतः बात करे तो नदी के किनारे से सीमांकन होना जरूरी है पर जिम्मेदारों से मिलीभगत के चलते अवैध को वैध करार देने की होड़ मची हुई है जिला कलेक्टर आशीष वसिष्ट को चाहिए कि स्वयं टीम गठित कर मानपुर खदान का नदी किनारे से सीमांकन करायें अन्यथा नदी में रेत ठेकेदार इस छोर से उस छोर तक अवैध उत्खनन करते हुए वैध करार दिया जाएगा,दूसरी तरफ मशीन से सिर्फ सूखी रेत लोड करने का प्रावधान है पर यहां तो बाकायदा खुदाई कर के पानी के अंदर से रेत निकाल कर लोडिंग की जा रही है,किनकी उपस्थिति में सीमांकन किया गया ये अपने आप मे बड़ा सवालिया निशान है न तो जिला खनिज अधिकारी और न ही खनिज निरीक्षक से आप सही सीमांकन की उम्मीद कर सकते है चूंकि पुख्ता सूत्रों से खबर है कि पिछली बार जब मानपुर नदी का सीमांकन किया गया तो नदी का तीस मीटर किनारा छोड़ कर सीमांकन कर खदान ठेकेदार की लाभ पहुंचाया गया और फिर दोबारा वही कहानी लिखी जा रही है अब देखना लाजमी होगा कि क्या जिला कलेक्टर इस भर्रे सही पर लगाम लगा पाते है या जो जैसे चल रहा है चलता रहेगा अगर सही सीमांकन हो जाये तो आज के आज रेत ठेकेदार मानपुर खदान छोड़ कर चला जायेगा चूंकि जहां तक लीगल खदान है वहां रेत है ही नही अब जो रेत निकाली जा रही है वो पूर्णतः अवैध और खनिज विभाग के संरक्षण में चल रही है