राजस्व विभाग सोता रहा,खनिज विभाग के संरक्षण में मानपुर में खोदा जा रहा मौत का गढ्ढा,पर्यावरण के नियमो की उड़ाई जा रही धज्जियां 
अनूपपुर - रेत का ठेका लेने वाली कंपनी और जिला खनिज विभाग की सांठगांठ और राजस्व विभाग की उदासीनता के चलते रेत कारोबारी अवैध तरीके से लगातार रेत का उत्खनन मानपुर के खसरा नंबर 75/78,37/77 से कर रहा है सारे नियम कानून तक पर रखते हुए रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है अवैध उत्खनन इसलिए चूंकि राजस्व विभाग के द्वारा नदी का कोई सीमांकन नही किया गया चूंकि अगर नदी का उत्तर हिस्सा चिन्हांकित कर सीमांकन किया जायेगा तो रेत ठेकेदार के पास नदी में रेत ही नही है खनिज विभाग से सांठगांठ कर सोन नदी का चीरहरण किया जा रहा है कल से लागातर राजस्व विभाग के तहसीलदार,नायब तहसीलदार से बात की जा रही है सबने स्वीकार्य किया कि उनके द्वारा कोई सीमांकन नही किया पर जानकारी मिलने के बावजूद भी राजस्व विभाग के जिम्मेदार इस पर रोक लगाने की जहमत नही उठा पा रहे है,
पर्यावरण के नियमो की उड़ाई जा रही धज्जियां
रेत ठेकेदार द्वारा जहां बिना सीमांकन के रेत का अवैध कारोबार शुरू कर दिया गया वही पर्यावरण विभाग के नियमो की धज्जियां सरे आम उड़ाई जा रही है नियमतः आप मशीन से सूखी रेत निकाल कर लोड करेंगे पर नियम के विपरीत नदी में गढ्ढा कर पानी के अंदर से रेत निकाली जा रही है दूसरी तरफ रेत ठेकेदार को सम्बंधित क्षेत्र में बृक्षारोपण करना है साथ ही सीएसआर के तहत सम्बंधित पंचायत में जो भी कार्य हो कराया जाना सुनिश्चित कारना है पर रेत कंपनी ने तय कर लिया है कि उसे अवैध रूप से ही रेत खदान चलाना है
सीतापुर की घटना दोहराने का इंतजार
नियमतः आप नदी की भगौलिक स्थिति को चेंज नही कर सकते जबकि अभी मामला सीतापुर खदान में मौत का कोर्ट में चल ही रहा है और मानपुर में दूसरा मौत का गढ्ढा खोदा जा रहा है आप तस्वीरों में देख सकते है किस तरह मौत का गढ्ढा खोद कर रेत निकाली जा रही है,अब सवाल यह उठता है कि क्या इस रेत ठेकेदार को प्रशासनिक अभय दान मिल चुका है कि जैसे मर्जी वैसे रेत का उत्खनन करे या किसी बड़ी घटना के इंतजार में प्रशासन है देखना होगा,
नदी के दोनों छोर से नाप कर तय किया जाना चाहिए कि कहां तक रेत खदान है चूंकि पुख्ता सूत्रों के हवाले से खबर है कि रेत खदान जहां स्वीकृत है अगर सही सीमांकन राजस्व विभाग करे तो अब तक जितनी रेत ठेकेदार द्वारा निकाली गई पूरा का पूरा अवैध उत्खनन पाया जायेगा, दूसरी तरफ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शहडोल को इस नदी की भगौलिक स्थिति को जिस तरह से तार तार किया जा रहा है संज्ञान ले कर कार्यवाही करनी चाहिए,
जिला खनिज विभाग से सही कार्यवाही की उम्मीद करना बेमानी होगा चूंकि इन्ही के संरक्षण में ये अवैध उत्खनन चल रहा है इस रेत ठेकेदार के द्वारा जिले में जहां जहां रेत खदान चालू की गई सब जगह हालात कुछ ऐसे ही है और जिला प्रशासन है कि कुम्भकर्णीय निद्रा में सोया हुआ है