लखनऊ । राजधानी में रेजीडेंसी के सामने नई सीवर लाइन में सफाई के दौरान जहरीली गैस के चलते दो मजदूरों की मौत हो गई। मरने वाले पिता-पुत्र सीतापुर के रहने वाले हैं। सीवर लाइन बिछाने वाले ठेकेदार ने बिना सुरक्षा उपकरणों के ही मजदूरों को सफाई के लिए उतार दिया था। जल निगम प्रशासन ने ठेेकेदार के खिलाफ वजीरगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। मामले में दो इंजीनियर निलंबित कर दिए गए हैं। जल निगम शहरी के प्रबंधक निदेशक राकेश मिश्रा ने सहायक अभियंता मुनिस अली और अवर अभियंता गुडलक वर्मा को निलंबित कर दिया गया है।
जल निगम ने रेजीडेंसी के सामने वाली रोड पर करीब तीन साल पहले सीवर लाइन बिछाई है। यह अभी चालू नहीं हुई है। दोपहर करीब तीन बजे उसमें पड़ी मिट्टी की सफाई का काम ठेकेदार फर्म केके स्पन कंपनी करा रही थी। आसपास के लोगों ने बताया कि सफाई के लिए तीन मजदूर आए थे। दो सीवर लाइन में उतरे और एक ऊपर ही रहा। जो मजदूर नीचे उतरे वह सीवर लाइन की जहरीली गैस से बेहोश होकर गिर गए। यह देख ऊपर वाले मजदूर ने चिल्लाना शुरू किया। जिसके बाद पास से ही कुछ वकील व अन्य लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस, फायर विभाग, नगर निगम, जलकल विभाग के अफसर मौके पर पहुंचे। इसके अलावा एसडीआरएफ की टीम भी पहुंची। इन सबके बीच करीब डेढ़ घंटे तक मजदूर चौंबर में ही पड़े रहे। उनको निकालने के बाद एक को बलरामपुर अस्पताल और दूसरे को ट्रामा सेंटर ले जाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। मरने वालों की पहचान सीतापुर के कमलापुर थाने के सरवर गांव के सोबरन यादव (55) और उसके पुत्र सुशील यादव (32) के रूप में हुई है।