आम जन की सहानुभूति मृतक के परिजनों के लिए हो न की रहीश के लिए!


अनूपपुर /जिला मुख्यालय अनूपपुर से  10 किलोमीटर दूर  ग्राम सकरा मे बंद पड़े क्रेशर के गड्ढे में  नियम विरुद्ध तरीके से वाटर पार्क का निर्माण कराकर   वाटर पार्क मलिक रहीस खान द्वारा  उसे मौत का गड्ढा बना दिया गया, बीना तकनीकी स्वीकृति  व संबंधित विभाग से अनुमति के बगैर ही रहीश द्वारा अपने आर्थिक लाभ के लिए आधे अधूरे वाटर पार्क को चालू कर जानबूझकर लोगो के जान के साथ खिलवाड़ करना विगत एक माह से शुरू कर दिया था आर्थिक लाभ के लिए में दिन दुगनी रात चौगुनी करने के चक्कर में वह इतना मदहोश हो गया कि वह अपने यहां खुदवाये गए मौत के कुएं में बुलाने के लिए सोशल मीडिया पर आकर्षण लुभावने  प्रचार प्रसार कर  लोगों को अपने  यहाँ तक खींच लाया, वाटर पार्क के  मलिक रहीश के आकर्षण  विज्ञापन से वह 16 वर्षोय मासूम शुभम भी  अपने पांच दोस्तों के साथ वाटर पार्क आ पहुंचा जहाँ उसे वाटर पार्क की गहराई का अंदाजा नहीं था की यह वाटर पार्क क्रेसर के गड्डे मे टाइल्स लगाकर  निर्मित है और उसे अपनी जान गवानी पड़ी, निश्चय ही  इस हृदय विकराल घटना पर हमारी सहानुभूति उस मृतक परिजन के  लिए होना चाहिए जिसने अपना एक मासूम चिराग को खो दिया, न की रहीश के प्रति जिसने  अपने आर्थिक लाभ के लिए आधे अधूरे नियम विरुद्ध  वाटर पार्क बनाकर  उसे चालू करके लोगो के जिंदगी के साथ खेलने वाले के प्रति  की वह जेल चला गया, जेल वह अपने  कृत्यों से गया |


 *लुभावाने विज्ञापन*

 पार्क मलिक आरोपित रहीश खान अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सर रिजॉर्ट एवं फन सिटी के नाम पर लुभावाने विज्ञापन आम जनों को भेजे गए थे, जिसमे मस्ती के लिए स्विमिंग पूल, के साथ- साथ पिकनिक के लिए अवैध निर्माण, रिसोर्ट एवं वाटर पार्क में आने को आमंत्रित किया गया था,
सोशल मिडिया मे विज्ञापन में निर्माण अधीन वाटर पार्क की सही जानकारी न देकर आम जन को मूर्ख बनाने का प्रयत्न किया गया ओर  झूठे वादे किये गए हैं, जो की कहीं न कहीं इन विज्ञापनों के प्रस्तुतकर्ता मानव  प्राण को धोखा दिया और यक़ीनन इनके दुष्परिणाम भी हुआ किसी के घर के एक चिराग को अपनी जान गवानी पड़ी | नियम विरुद्ध वाटर पार्क बना कर सोशल मिडिया मे लुभावने विज्ञापन विशेष रूप से छोटे बच्चों की मानसिकता के साथ खिलवाड़ कर उन्हें अपने जाल में फंसाना बहुत ही अनैतिक है |


*4.30 की जगह 8 फिट गहरा*

सूत्र बताते है की अपने आप को इंजिनियर बताने वाले रहीश खान  ने वाटर पार्क  के सारे नियम क़ानून दर किनार कर वाटर पार्क की गहराई जो मानक के अनुसार  लगभग 4:30 फिट होनी चाहिए उसकी जगह 08 फिट गहरा मौत का गड्डा खोद रखा था और न तो वहा पर पानी की गहराई का कोई सांकेतिक बोर्ड लगाया गया , डूबते वक्त बचाव के लिए पकड़ने के लिए न तो कोई डोरी बँधी गई , और न ही कोई प्राथमिक उपचार का सामान, न कोई तैराक को रखा गया रहीश ने सिर्फ आर्थिक लाभ को सर्वोपरि रखा |