*वन विभाग के जिम्मेदारों ने जंगल की रेत को कर दिया माफियाओं के हवाले*

*मानपुर वन परिक्षेत्र के नदी नालों से गायब हो गई रेत*@फारेस्ट रिपोर्टर

उमरिया, बांधवगढ़:-मानपुर विधानसभा मुख्यालय स्थित विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ टाइगर रिजर्व नेशनल पार्क के मानपुर बफर जोन वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले नदी नालों में इन दिनों देखा जाए तो कहीं भीं रेत देखने को नही मिलेगा जहां देखो वहीं नदी नालों में रेत उठाने के गड्ढे देखने को मिलेंगे सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मानपुर मुख्यालय वन परिक्षेत्र के डिप्टी रेंजर के तालुकात स्थानीय रेत माफियाओं से अच्छे होने के कारण वन अमले पर रेत माफिया हावी हो चले हैं जिस कारण बराबर की साझेदारी को देखते हुए रेंजर ने जंगल की रेत को माफियाओं के भरोसे शौप दिया  नतीजन आज देखा जाए तो वन क्षेत्र के नदी नालों में रेत के बजाय मात्र गड्ढे देखने को मिल रहे हैं 

*शिकायत मिलते ही माफियाओं को देते हैं जानकारी*

सूत्रों की माने तो मानपुर परिक्षेत्र अंतर्गत क्षेत्र के नदी नालों में स्थानीय रेत माफियाओं द्वारा की जा रही मनमानी की शिकायत वन अमले को स्थानीय लोगों द्वार समय समय पर दी जाती है जिसके बात संबंधित डिप्टी रेंजर द्वारा शिकायत होने की जानकारी रेत माफियाओं तक तत्काल पहुंचा दी जाती है जिस कारण माफिया सतर्क हो जाते हैं और उल्टा शिकायत कर्ता को ही धमकाने पहुंच जाते हैं यह कोई नया मामला नही है बल्कि कई बार ऐसा हो चुका है इतना ही नही संबंधित डिप्टी के इस हरकत के कारण रेत कारोबारी और शिकायत कर्ताओं में कई बार भारी विवाद भी हो चुका है अगर यही रवैया रहा तो वह दिन दूर नही जब क्षेत्र में कोई गंभीर वारदात से सामना करना पड़ेगा जिसके जिम्मेदार और कोई नही बल्कि संबंधित डिप्टी रेंजर ही होंगे
*नदी में मिले सिर कटे बाघ का नही लगा सुराग*
सूत्रों की माने तो विगत कुछ माह पूर्व उर्दना,पटेहरा से लगे जंगल सीमा क्षेत्र की नदी में एक बाघ का सिर कटा हुआ शव बरामद हुआ था जिसकी महीनो जांच पड़ताल होने के बाद भी घटना का सुराग अभी तक नहीं लग सका वहीं सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार यह भीं क्षेत्र में चर्चा का माहौल गरमाया हुआ है की हो सकता है बाघ के सिर को काट कर ले जाने जैसी वारदात को इन अपराधी प्रवत्ति के रेत माफियाओं द्वारा ही घटना को अंजाम दिया गया हो जिसके बाद जांच तो वही करेंगे जो खासमखास हैं और हुआ भी वही आज तक संबंधित घटना का खुलासा नही हो सका अगर देखा जाए तो अनुमानतः मानपुर के आस पास जंगल के क्षेत्रों में रेत माफिया हावी हैं और अक्सर जंगल से भटक कर बाघ वा अन्य वन्य प्राणी गांव के करीब आ जाते हैं कयास लगाया जा सकता है की क्षेत्र में बाघ शावक की मौजूदगी भी लगातार बनी हुई थी जिस कारण अवैध तरीके से रेत का उत्खनन करने वाले लेवर जंगल की नदियों से रेत लोड करने में आनाकानी करते रहे होंगे जिस कारण माफियाओं को जंगल की नदियों से रेत का उठाव करने में अड़चन होता रहा होगा और उक्त अड़चन को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने की योजना बनाते हुए बाघ शावक को मार दिया गया हों जिसके बाद उसका सिर काट कर ले गए हों इधर वन अमला सब कुछ जान कर भी अंजान बन नदियों की खाक समेट कर मामले को रफा दफा कर दिया क्यों की कहीं न कहीं मानपुर डिप्टी रेंजर के संबंध इन रेत कारोबारियों से अच्छे होने के चलते अपनी मोटी कमाई को ध्यान में रखते हुए रेत कारोबारियों को बचा ले गए नतीजन मामला का खुलासा न हो पाना आज भी क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है
जिला कलेक्टर से जनापेक्षा है की संबंधित मामले को संज्ञान में लेते हुए सेमरा उर्दना में हावी रेत माफियाओं पर कार्यवाही का शिकंजा कसा जाए ताकि लोगों के मन से कानून व्यवस्था का उतर चुके भय को कायम रखा जाए और इन रेत माफियाओं पर अंकुश लग सके