भारती कम्युनिस्ट पार्टी का 30 अगस्त को राज्य परिवहन निगम की बसें तत्काल प्रारंभ किए जाने की मांग के साथ पूरे प्रदेश में आंदोलन की घोषणा

भा क पा का 30 अगस्त को राज्य परिवहन निगम की बसें प्रारंभ किए जाने की मांग के साथ पूरे प्रदेश में आंदोलन की घोषणा
भारती कम्युनिस्ट पार्टी का 30 अगस्त को राज्य परिवहन निगम की बसें तत्काल प्रारंभ किए जाने की मांग के साथ पूरे प्रदेश में आंदोलन की घोषणा
अनूपपुर / भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मध्य प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विजेन्द्र सोनी एडवोकेट ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि संपूर्ण मध्य प्रदेश में मध्य प्रदेश राज्य परिवहन की बसें तत्काल चालू किए जाने एवं यात्री समस्याओं से संबंधित अन्य मांगों को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन प्रदेश के बस स्टैंड में किए जाने का फैसला लिया गया है।
उसी तारतम्य में अनूपपुर एवं कोतमा बस स्टैंड के समक्ष भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी जिला परिषद अनूपपुर द्धारा राज्य परिवहन निगम की बसें तत्काल चालू किए जाने की मांग को लेकर जन जागरण अभियान के तहत बस स्टैंड के समक्ष पर्चा वितरण का कार्यक्रम करेगी कामरेड विजेन्द्र सोनी ने आगे कहा कि, मध्यप्रदेश रेल सेवाओं के मामले में अत्यंत पिछड़ा हुआ है। बहुत से जिले आज भी रेल सेवा से वंचित हैं।रेल विभाग ने कुछ सालों में सुनियोजित तरीके से सस्ती टिकट वाली पैसेंजर ट्रेन या तो बंद कर दी हैं या उन्हें महंगे किराए वाली एक्सप्रेस ट्रेन में बदल दिया है और एक्सप्रेस ट्रेन में जनरल और स्लीपर कोच लगातार घटा कर आम आदमी की पहुंच से बाहर एयरकंडीशन डब्बे बढा़ये जा रहे हैं। राज्य के जिलों को जोड़ने वाली ट्रेनें आये दिन किसी न किसी बहाने से निरस्त कर दी जाती हैं। ऐसे में आम जनता यातायात के लिए पूरी तरह निजी बस सेवा पर निर्भर हैं। छोटे मार्गों पर चलने वाली बसों में लोग जान जोखिम में डालकर यात्रा करने के लिए मजब़ूर हैं क्योंकि न तो इन गाड़ियों का कोई फिटनेस होता है न देखभाल।
कंडम हो चुकी बसों में मजब़ूर यात्रियों को जानवर की तरह ठूंसा जाता है और आये दिन ये बसें दुर्घटना का शिकार होकर निरीह यात्रियों की जान लेती रहती हैं।इन गाड़ियों को चलाने वाले अक्सर अप्रशिक्षित और बिना लाइसेंस वाले ड्राइवर होते हैं जो कई बार नशे में धुत होते हैं और यात्रियों की जान से खिलवाड़ करते हैं। यात्रियों से दुर्व्यवहार और मनमाना किराया वसूलना एक सामान्य बात हो गई है।इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि बस में बिठाने के बाद यात्रियों को गंतव्य स्थान तक छोड़ा ही जायेगा और कम पैसेंजर होने के बहाने से बीच में हीं उतार दिया जायेगा। चाहे जब कभी शादी विवाह के सीजन के नाम पर कभी चुनाव के लिए और कभी बड़े नेता की सभा में भीड़ जुटाने के लिए इन बस सेवाओ को निरस्त कर दिया जाता है और लोगों को भटकने के लिए छोड़ दिया जाता है। ख़ास बात यह कि अधिकांश बस मालिक भाजपा या कांग्रेस के नेता हैं और इसलिए परिवहन विभाग के भ्रष्ट अधिकारी इन तमाम गड़बड़ियों और गैर कानूनी जनता विरोधी धांधलियों की ओर आंख मूंदे रहते हैं।
एक कल्याणकारी राज्य की यह जिम्मेदारी है कि वह आम जनता के लिए सस्ती सुलभ और सुरक्षित यातायात व्यवस्था उपलब्ध कराये। इसलिए आज भी अधिकांश राज्यों में सरकार द्वारा संचालित परिवहन निगम सफलता पूर्वक चल रहे हैं। लेकिन मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार ने परिवहन माफिया को लाभ पहुंचाने के लिए राज्य परिवहन निगम को समाप्त कर दिया, निगम की अरबों रुपए की संपत्ति की आपस में मिली भगत करके लूटमार कर ली और कर्मचारियों और उनके परिवारों को भूखा मरने और अपने बकाया पाने के लिए कोर्ट कचहरी में एड़ियां रगड़ने के लिए छोड़ दिया। भाजपा सरकार की भ्रष्ट जनविरोधी नीति के चलते आज प्रदेश के करोड़ों गरीब ग्रामीण और मध्य वर्गीय लोग भीषण तकलीफ और दुर्दशा का शिकार हैं।
इसलिए आज समय की मांग है कि प्रदेश में तत्काल राज्य परिवहन निगम को प्रारंभ किया जाये और जनता को फौरी राहत प्रदान की जाये।
भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी आम जनता से आह्वान करती है कि परिवहन निगम को पुनः प्रारंभ करने के लिए उसके 30 अगस्त को होने वाले आंदोलन में सहयोग प्रदान करे