"कोयलांचल नगरी जमुना कोतमा क्षेत्र के बरतराई कालरी के अधिकारियों द्वारा   लाखो रुपए वेतन पा रहे कालरी कर्मचारियों को अपने बंगले में कार्य पर लगाया जा रहा है ग्राम बरतराई के ग्रामीणों ने किया विरोध,सरकारी खजाने को पलीता लगा रहे कालरी के जिम्मेदार 

अनूपपुर - जब जिम्मेदार ही देश को खोखला करने में आमादा हो जाये तब देश को इन भृष्टाचारियों से कौन बचायेगा ऐसा ही मामला अनूपपुर जिले में संचालित कोल माइंसों का है ,देश के महारत्न कंपनी कोल इंडिया  को खोखला करने में एस ई सी एल के अधिकारी कोई कोर कसर नही छोड़ रहे यहां तक कि जहा खदानों में मेनपावर श्रमिको के रिटायर होने से दिन प्रतिदिन खदान में श्रमिको की कमी होते जा रही है वही अधिकारियों द्वारा उत्पादन की चिंता छोड़ कंपनी द्वारा  लाखो रुपए वेतन पा रहे कर्मचारियों को अपने घर में साफ सफाई चौकीदारी बागवानी जैसे कार्यों में लगाया जा रहा है क्षेत्र की सबसे ज्यादा भूमिगत उत्पादन करने वाली बरतराई खदान के सब एरिया मैनेजर हस्ते साहब ने कालरी कर्मचारी खूबचंद को अपने बंगले में ड्यूटी पर लगा रखे है एवं बरतराई कालरी मैनेजर त्रिपाठी साहब ने सीताराम केवट को अपने बंगले में ड्यूटी पर  लगा रखे है जिसकी वीडियो भी बरतराई ग्राम के ग्रामीणों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल किया है ग्राम के बेरोजगार युवाओं में भारी रोष व्याप्त है उनका कहना है कि लाखो का वेतन पा रहे कर्मचारियों जिनकी खदान में पद अनुसार कार्य निर्धारित है उनको अपने बंगलो में कार्य कराया जा रहा  एरिया में रविवारीय ड्यूटी बंद होने के बावजूद इनको पैसे लेकर रविवारीय ड्यूटी लगाई जा रही है कंपनी को लाखो रुपए की छति पहुचाई जा रही है जबकि खदान में श्रमशक्ति के कमी के कारण उत्पादन प्रभावित हो रहा हैं 
ग्रामीणों ने क्षेत्र के महाप्रबंधक महोदय से इसकी जांच करने की माग की ताकि बरतराई ग्राम  के बेरोजगार ग्रामीणों को रोजगार मिल सके एवं  कंपनी के स्किल कर्मचारियों का अधिकारियों द्वारा दूरुपयोग बंद कर उनका उपयोग  खदान के कार्यों में हो सके एवं एसईसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक एवं निदेशक तकनीकी से  आग्रह है कि इसकी जांच कर दोषियों पर कड़ी से कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के वेतन से जो कंपनी को लाखो रुपए की छति पहुचाई गई है उसकी भरपाई की जाए।
साथ ही इस क्षेत्र के जीएम की निगरानी पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे है चूंकि उनके अधीनस्थ काम करने वाले अधिकारी अगर कालरी कर्मचारियों को अपने घर मे सेवाएं देने के एवज में सरकारी खजाने को चूना लगा रहे है और यह बात जीएम को पता न हो दुर्भाग्यपूर्ण है,वही इस पूरे मामले में जहां ग्रामीणों ने मामले को सामने लाने के लिए सोशल मीडिया में वीडियो बना कर डाला है वही कोयला मजदूर सभा ने भी इसकी शिकायत कर जांच की मांग की है पर दुर्भाग्य पूर्ण तो यह है कि यह कोई पहला मामला नही है पर जिम्मेदारों के कानों में जूं तक नही रेंगती