कालेजों में खेला जाएगा पिट्टू (गिप्पी गेंद) कैलेंडर में हुआ शामिल 15 जनवरी से 8 फरवरी तक होगे आयोजन
प्रधानमंत्री ने मन की बात में किया था श्रीकृष्ण का प्रिय खेल पिट्टू का उल्लेख@अजीत मिश्रा
अनूपपुर। मध्य प्रदेश के महाविद्यालयों में अब भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय खेल पिट्टू खेलाया जाएगा। इस खेल को वार्षिक खेल कैलेंडर में शामिल किया गया है। इस प्राचीन एवं पारंपरिक स्वदेशी खेल को कालेजों में इस सत्र से खेलाने का निर्देश शासन ने जारी कर दिए हैं। प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने भी इसे अब अपने खेल कलेंडर में शामिल कर लिया है। हालांकि यह खेल मप्र के खेल कैलेंडर में 2022 से ही शामिल रहा, लेक्लि इस खेल पर ध्यान नहीं दिया गया। अब पिट्टू फेडरेशन आफ इंडिया इंदौर ने इस खेल के बारे में नियम तैयार कर लिए हैं। पिट्दू भारत के सबसे पुराने और पारंपरिक खेलों में से एक है। मान्यता है कि इस खेल की शुरआत भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अपने मित्रों के साथ की थी, जिसका उल्लेख भागवत पुराण में मिलता है। भगवत पुराण के अनुसार कालिया नाग के वध के समय भगवान श्री कृष्ण ने इसी खेल के दौरान गेंद को यमुना नदी फेंक दिया था और गेंद निकालने के बहाने यमुना नदी में छलांग लगाकर कालिया नाग को यमुना छोड़ने पर विवष कर दिया था देष के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात में प्राचीन व पारंपरिक खेल पिट्टू के विलुप्त होने से बचाने और इसे फिर पिट्टू लोकप्रिय बनाने की बात कही थी। मध्यप्रदेष सरकार के नगरीय प्रषासन मंत्री कैलाष विजयवर्गीय के नेतृत्व में पिट्दू फेडरेशन ऑफ इंडिया का गठन किया गया।
10-10 खिलाड़ियों की होगी टीम
ग्राम स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक आयोजित होने वाले पिट्टू खेल को दो टीमों के बीच पांच-पांच मिनट के चार हाफ में खेला जाता है। स्ट्राइकर टीम सात निश्चित मोहरों से बने पिट्टू सेट (आयताकार पत्थर के टुकड़ों) को गिराकर उन्हें उसी क्रम में पुनः जमा करके अंक अर्जित करती हैं। डिफेंडर टीम पिट्टू सेंट को पुनः जुड़ने से रोकती है। इसके इसके लिए वाह गेंद फेंक कर स्टाइकर टीम के खिलाडी पर निशाना साधती है। खेल मैदान 26 मीटर लंबा और 14 मीटर चैड़ा होता है। 10-10 खिलाड़ियों को दो टीमों में से छह खिलाड़ी खेलते है और चार अतिरिक्त रहते हैं।
राष्ट्रीय स्तर तक खेल होंगे आयोजित
पिट्टू खेल को राज्य एवं राष्ट्रीय चैंपियनशिप हर साल एक जनवरी से शुरू होकर 31 मार्च तक चलेगी। इसमें कोई भी एथलीट राज्य/संघ राज्य क्षेत्र इकाई की ओर से राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग ले सकेगा। सब जूनियर और जूनियर आयु वर्ग के लिए प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए माता-पिता या अभिभावक से लिखित अनुमति लेनी होगी। विजेता एथलीटों को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक दिए जाएंगे। प्रतियोगिता के लिए एक समिति का गठन किया जाना है। 25 मिनट के खेल में दो रेफरी, एक टाइमकीपर और दो स्कोरर होंगे।
15 जनवरी से होगा आयोजन
पीएम श्री एक्सीलेंस काॅलेज तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर के प्राचार्य ने बताया कि यह पौराणिक खेल 15 जनवरी 2025 से 17 जनवरी तक महाविद्यालय स्तर में आयोजन होगा उसके बाद 20 जनवरी से 22 जनवरी 2025 तक महाविद्यालीय टीम जिला स्तर पर आयोजित खेल में भाग लेगी। जिला स्तर में चयनित टीम 29 जनवरी से 31 जनवरी तक सम्भाग स्तर पर खेलेगी और 6 फरवरी से 8 फरवरी तक राज्य स्तरीय आयोजन होगा जिसका आयोजन इंदौर में सुनिष्चिित किया गया है। यह खेल महिला और पुरूष दो वर्ग आयोजित होगें
विदेश में भी पिट्टू संघ स्थापित करने होगा प्रयास
फेडरेशन का उद्देश्य है कि पिट्टू खेल को एक मान्यता प्राप्त एनएसएफ (नेशनल स्पोर्ट फेडरेशन) के रूप में संचालित करना और इसे एक आधिकारिक प्राचीन, पारंपरिक स्वदेशी भारतीय खेल के रूप में विकसित करना है। पिट्टू खेल के अन्य देशों में राज्य पिट्टू संघ के रूप में स्थापित करने का प्रयास होगा।