शहडोल 

घटना शहडोल जिले के बुढार इलाके में हुई, जहां चार सपेरे पकड़े गए जो झांसी के रहने वाले थे। वे अपने साथ 6 सांप लेकर आए थे और स्थानीय लोगों से पैसे मांग रहे थे। जब उनसे पूछताछ की गई, तो पता चला कि वे सांपों को दिखाकर पैसे इकट्ठा कर रहे थे। 

 

इस पर तत्काल सर्प विशेषज्ञ सोनू कुमार प्रजापति को सूचित किया गया, जिन्होंने अपनी टीम (विवेक बर्मन और श्याम प्रजापति) के साथ मिलकर इन सपेरों को पकड़ा। इसके बाद वन विभाग को भी इस घटना की जानकारी दी गई, जिसने तुरंत कार्रवाई करते हुए सपेरों के पास मिले सांपों को जंगल में छोड़ने की व्यवस्था की, ताकि वे स्वतंत्र रूप से विचरण कर सकें।

 

यह घटना विशेष रूप से महत्वपूर्ण इसलिए थी क्योंकि सपेरों के पास से बरामद सांपों में कुछ दुर्लभ प्रजातियाँ थीं, जो सामान्यतः कम ही देखने को मिलती हैं। वन विभाग और रेस्क्यू टीम ने इस तरह के जंगली जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समय पर कदम उठाया। 

 

ऐसे मामलों में वन्यजीव संरक्षण कानूनों का पालन किया जाता है और सांपों को किसी भी तरह के शोषण से बचाने के लिए उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया जाता है।