अनु.जाती जूनियर बालक छात्रावास के बन्द कमरा खोलेगा भृष्टाचार के कई राज,कमरे में आखिर किसने रखी  लाखों रुपये की वितरण सामग्री,बड़े भृष्टाचार की आशंका ?
अनूपपुर - जिला मुख्यालय के कलेक्टर बंगले से चंद कदम पहले बने अनु.जाति जूनियर बालक छात्रावास के बन्द कमरे का राज क्या है आखिर छात्रवास के बन्द कमरे की चाभी कार्यालय कलेक्टर जनजातीय कार्य विभाग के एक बाबू परस्ते के पास क्यों है चाभी,सूत्रों की माने तो कार्यालय कलेक्टर जनजातीय कार्य विभाग कार्यालय  के द्वारा स्कूलों में वितरण के लिए कई लाखो की सामग्री क्रय की गई थी गर्मी में किंतु आज तक वह सामग्री वितरण नही हो सकी इसके पीछे क्या कारण है समझ के परे है पर अगर कई लाखों की सामग्री यहां बंद कमरे में विगत सात आठ महीने से पड़ी हुई है तो इसका जिम्मेदार कौन है,क्या जिला कलेक्टर इस कमरे का ताला खुलवाएंगे और जो सामग्री छात्रावासों में पहुंचनी चाहिए थी आखिर क्यों नही पहुंची कौन है इसका जिम्मेदार उन पर कार्यवाही सुनिश्चित होगी भी या नही ये तो जिला प्रशासन ही तय करेगा,सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस कमरे की चाभी कार्यालय कलेक्टर जनजातीय कार्य विभाग कार्यालय में पदास कृष्ण कुमार परस्ते के पास मौजूद है हमने इस मामले के एसी आफिस के मुखिया सरिता नायक जी से फोन पर सम्पर्क कर जानकारी जाननी चाही पर उनका फोन नही उठा तो दूसरी तरफ जब हमने स्टोर कीपर कृष्ण कुमार परस्ते से बात की तो उनका कहना था सामग्री खरीदी का जो बजट आया था वो वापस हो गया था अभी दोबारा बजट आया है अरे साहब अगर बजट वापस हो गया था तो आपने आठ महीने पहले सामग्री क्रय कैसे कर लिया जब दोबारा बजट अभी आया है तो परस्ते जी ने दूसरा बहाना बताया कि वो कलेक्टर कार्यालय की टीम इस सामग्री का सत्यापन नही किया इसलिए सामग्री वितरण नही हुआ अब सवाल यह उठता है कि आठ महीने पहले खरीदी गई सामग्री का सत्यापन करने का समय किसी के पास नही था या जिम्मेदार झूँठ बोल रहे है और अगर बजट वापस हो गया था तो आठ महीने पहले सामग्री  कैसे क्रय हुई अपने आप मे भृष्टाचार की बू आना लाजमी है,आपको जानकर हैरानी होगी कि लगभग आधा शिक्षण सत्र समाप्त होने को आ रहा है और जिन बच्चों के लिए छात्रावासों में उपयोग के लिए सामग्री क्रय की गई थी आज बंद कमरे में पड़े पड़े खराब हो रही है,इस सामग्री में पलंग,डस्टबिन,बर्तन,बिस्तर सामग्री,एवं छात्रावासों में उपयोग होने वाली अन्य सामग्री पड़ी हुई है आखिर छात्रावासों में इन सामग्री की कमी रही होगी तब क्रय करना था बाकायदा प्रपोजल सरकार को भेज कर सामग्री क्रय करने के लिए बजट की मांग की गई होगी आखिर फिर क्यों ये सामग्री उन छात्रवासों तक नही पहुंची जहां इनकी जरूरत थी मतलब उन छात्रावासों में रहने वाले बच्चे इन सामग्रियों के अभाव में रह रहे होंगे और इसके पीछे कौन है जिम्मेदार बड़ा सवाल है
हमने कई जिम्मेदारों से इस मामले में बात करने का प्रयास किया पर सब घुमाते नजर आए की इनसे बात करिये उन से करिये आखिर सच कौन बतायेगा जब जिम्मेदार फोन ही नही उठायेंगे और दुर्भाग्यजनक तो यह है की यह सामग्री पिछले आठ महीने से कलेक्टर कार्यालय से चंद कदमो की दूरी पर सड़ रही है