जैतहरी शासकीय आबादी की भूमि मामले में हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान,चार सप्ताह में राजस्व, पुलिस, रजिस्ट्रार, नगर परिषद और क्रेता आनंद अग्रवाल-विक्रेता राघव बिंदल को देना होगा जवाब,मामला जैतहरी की शासकीय भूमि खसरा नंबर- 733 का
अनूपपुर। जैतहरी स्थित शासकीय आबादी भूमी मामले में हाई कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है। कोर्ट ने चार सप्ताह के अंदर राजस्व विभाग, पुलिस, रजिस्ट्रार, नगर परिषद एवं क्रेता-विक्रेता से जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। गौरतलब हो कि राजस्व विभाग की मिलीभगत के कारण फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराते हुए एक तरफ जहां आनंद अग्रवाल ने आबादी भूमि को राघव बिंदल के साथ सांठगांठ कर रजिस्ट्री करवा ली थी जबकि असल मे राघव बिंदल कभी भी उस जमीन का मालिक था ही नही,वही सरकारी राजस्व को  लाखों रूपए का चूना लगाया गया था, निचले स्तर पर सुनवाई नही होने से मामला हाई कोर्ट पहुंचा, जहां संज्ञान लेते हुए जवाब मांगा गया है।
नगर परिषद भी शामिल
लगभग 50 वर्ष पहले शासकीय आबादी की भूमि खसरा नंबर 733 जो सत्यनारायण पिता लक्ष्मी नारायण के कब्जे दखल की भूमि को राघव बिंदल पिता स्व. भीखम सराफ एवं आशा पति स्व. भीखम सराफ निवासी कोतमा द्वारा आनंद अग्रवाल पिता स्व. मोहनलाल अग्रवाल निवासी जैतहरी को 84 लाख रूपए में विक्रय कर 28 लाख रूपए की विक्रय पत्र संपादित कराया गया। विचारणीय प्रश्न यह है कि  राजस्व, नगर परिषद, पुलिस में शिकायत होने के बावजूद भी नगर परिषद द्वारा भवन निर्माण अनुमति एवं संपत्तिकर का बेजा शुल्क जमा करा अनुमति दी गई।
एसडीएम ने लिखा था पत्र
कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जैतहरी के पत्र क्रमांक 785/ अनु. अधि/शिका/2023 जैतहरी, दिनांक 20/07/2023 के माध्यम से तत्कालीन तहसीलदार तहसील जैतहरी को शासकीय नजूल भूमि आराजी खसरा नं0 733 के अंश रकवा के संदर्भ में बेजा नामधारी द्वारा निष्पादित विक्रय पत्र को निरस्त किये जाने एवं निर्माण कार्य को रोके जाने के लिए निर्देशित किया था। साथ ही शिकायतकर्ता के पत्र का अवलोकन करते हुए, संदर्भित पत्र के माध्यम से आवेदक द्वारा कलेक्टर अनूपपुर को संबोधित आवेदन शासकीय नजूल भूमि आराजी खसरा नं0 733 के अंश रकवा के संदर्भ में बेजा नामधारी द्वारा निष्पादित विक्रय पत्र को निरस्त किये जाने एवं निर्माण कार्य को रोके जाने के संबंध में दिये गये तथ्यों पर स्पष्ट जाँच कर प्रतिवेदन समय सीमा में चाहा गया है। तथ्यों के संबंध में तत्काल जाँच कर प्रतिवेदन 07 दिवस के अन्दर एसडीएम कार्यालय में उपलब्ध कराना था, परंतु  राजस्व विभाग की मिलीभग के कारण मामला दबा दिया गया।
पुलिस ने भी दी भ्रामक जानकारी
उक्त भूमि मामले में जैतहरी पुलिस के द्वारा मिलीभगत करते हुए उक्त भूमियो को वैद्य कब्जाधारी बताकर आरटीआई में भ्रामक जानकारी भी दे दी गई। कुल मिलाकर लाखों के इस खेल में नेता व राजस्व विभाग के साथ-साथ रजिस्ट्रार व पुलिस भी शामिल रही। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विक्रेता राघव बिंदल व आशा सराफ अन्यत्र शहर में शरण ले लिये है। वही हाल ही में कलेक्टर अनूपपुर हर्षल पंचोली ने प्रशासन को शख्त निर्देश देते हुए कहा था कि अवैध अतिक्रमण हटाया जाये और अब जब आनंद अग्रवाल का मामला सामने है तो क्या प्रशासन कोर्ट को जवाब देने के पहले कार्यवाही करते हुए अवैध निर्माण को हटा कर कोर्ट को अवगत कराएगा की जो अवैध तरीके से निर्माण किया गया था आनंद अग्रवाल के द्वारा उस पर प्रशासन कार्यवाही करते हुए आबादी जमीन को प्रशासन के कब्जे में वापस ले लिया है गेंद अब जिला प्रशासन के पाले में है देखना लाजमी होगा जिला प्रशासन क्या कदम उठाता है