रेत ठेकेदार के गुर्गो और खनिज निरीक्षक ईशा वर्मा पर कथित तौर पर महिला ने लगाया चीरहरण का आरोप
बतौर साक्ष्य घटना का वीडियो प्रस्तुत, जांच में जुटी कोतवाली पुलिस

 


मंगलवार 8 अक्टूबर को कोतवाली अनूपपुर में ग्राम पसला की रहने वाली श्रीमती रानू राठौर द्वारा लिखित शिकायत देते हुए स्पष्ट किया गया कि 14 सितंबर को खनिज निरीक्षक ईशा वर्मा द्वारा विभाग के वर्दीधारियों एवं रेत ठेकेदार के 8-9 लोगों ने उसके साथ मारपीट करते हुए उसकी लज्जा भंग की। मामले से संबंधित साक्ष्य के रूप में एक पेन ड्राइव में रानू राठौर ने पुलिस को घटना का वीडियो प्रस्तुत किया है। रानू राठौर की शिकायत अगर सच है तो खनिज निरीक्षक ईशा वर्मा का यह कृत्य समाज ही नहीं अपितु विभाग के सामने उन्हें कटघरे में खड़ा करता है, बहरहाल पुलिस के द्वारा शिकायत की जांच के बाद ही स्पष्ट होगा की असलियत क्या है।
अनूपपुर। कोतवाली अनूपपुर अंतर्गत ग्राम पसला की रहने वाली श्रीमती रानू राठौर द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत में बताया गया कि 14 सितंबर को जब उसका देवर रामदीन राठौर अपने ट्रैक्टर ट्राली से मरे हुए बैल को गांव से बाहर फेंकने गया था तभी सुबह करीब 9 बजे खनिज विभाग की निरीक्षक ईशा वर्मा, उनके विभाग के कर्मी एवं साथ रेत ठेकेदार के 8 से 9 आदमी वहां पहुंचे और रेत चोरी का आरोप लगाते हुए उनके साथ मारपीट करने लगे जिसकी जानकारी मोबाइल के माध्यम से रामदीन राठौर द्वारा घर को दी गई यह सुनते ही रानू राठौर घर पर उपस्थित मेहमानों के साथ मौके पर गई जहां उसने खनिज निरीक्षक ईशा वर्मा से इस संबंध में पूछा तो ईशा वर्मा ने गाली गलौज करते हुए रानू राठौर की साड़ी खींचकर मारपीट की। रानू राठौर का आरोप है कि लोगों के सामने उसकी लज्जा व मर्यादा को भंग किया।
खनिज निरीक्षक को मारपीट करने किसने दिया अधिकार 

 

 

घटना के संबंध में बताया जाता है कि खनिज निरीक्षक ईषा वर्मा को रेत चोरी की सूचना मिलने पर व अनूपपुर कोतवाली अंतर्गत पसला गांव गई जो कि उसका कर्तव्य है किन्तु ये अधिकार उसे किन प्रावधानों के तहत मिला है कि रेत चोरी रोकने के लिए रेत ठेकेदार के गुंडों को अपने साथ लेकर जाए साथ ही रेत चोरी के आरोपी के साथ मारपीट करे।
धमका कर रेत निकालने पर कार्यवाही की मांगः- अध्यक्ष जनपद पंचायत जैतहरी 

 


अध्यक्ष ने अपने ज्ञापन में बताया कि पूरे जिले में अवैध रेत खनन हो रहा है ठीक उसी प्रकार जनपद क्षेत्र जैतहरी मे 10 खदाने है जिसमें से कुछ खदान संचालित भी है। अध्यक्ष ने पत्र क्रमांक 105 दिनांक 18.05.2024 को खदानों की जानकारी मांगी थी लेकिन विभाग द्वारा पूरी जानकारी नहीं दी। बाद में सूचना के अधिकार से जानकारी दी गई। इसमें यह पता चला कि ग्राम सभा का पुराना प्रस्ताव लगा हुआ है जिसमे वर्तमान ग्राम पंचायतो के सरपंचो को किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं है। अनूपपुर जिला 5वी अनुसूची के साथ पेसा एक्ट नियम भी लागू है। नियम है कि पेसा एक्ट में ग्राम पंचायतों का प्रस्ताव लेना अनिवार्य है लेकिन न ही पेसा एक्ट के तहत ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव लिया गया है और न ही नियमों का पालन किया गया है। कई ग्राम पंचायतो द्वारा रेत खनन का विरोध किया जाता है तो  खनिज अधिकारी द्वारा पुलिस प्रशासन को बुलाकर ग्राम वासियो पर फर्जी मुकदमा दर्ज करवाया जाता है। ग्राम पंचायत पसला ग्राम वासियों के षिकायत पर जब अध्यक्ष जनपद पंचायत जैतहरी वहा पहुंचे तो खनिज अधिकारी ईशा वर्मा ने उनके साथ भी खराब व्यवहार किया जो सब के साथ होता आया है। जब कि ईषा वर्मा यह ज्ञात है कि अध्यक्ष एक चुना हुआ आदिवासी जनप्रतिनिधि है। जनपद अध्यक्ष ने  आरोप लगाया कि खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा जातीय भेदभाव व अभद्र व्यवहार किया गया। जो कि प्रजातंत्र के लिये सही नहीं है न आम जन के लिये अच्छा है और न ही क्षेत्र व जिले मे शांति व्यवस्था के लिये सही है। जनपद अध्यक्ष ने लचर कानून व्यवस्था को निराशाजनक बताया। इसके साथ ही रेत ठेकेदार के लोगों द्वारा जो खुले आम गोली मारने की धमकी खुलेआम हथियार लेकर पूरे जिले में घूमना पूरे जिले मे डर का माहौल पैदा कर रेत मनमाना तरीके निकालना चाहते है। चुकि अनूपपुर जिला आदिवासी क्षेत्र है इसलिये बंदूक के नोक पर नियम कानून को अपने जेब में रखकर अवैध तरीके से गाँव के अंदर से भारी वाहनों के साथ रेत निकाला जा रहा है जिससे पता चलता है कि खनिज विभाग के संरक्षण मे जिले को पूरी तरीके से गुण्डा राज बनाना चाहते है या बना दिया गया है। अध्यक्ष ने मांग की है अवैध तरीके से रेत का खनन बंद किया जाये पंचायतो से पेसा एक्ट अधिनियम के तहत प्रस्ताव लिया जाये तथा खनिज विभाग के अधिकारियों के द्वारा फर्जी मुकदमा कराया जा रहा है उसे तत्काल बंद किया जाये किसी भी रेत खदान में ग्राम वासियों के द्वारा आंदोलन या विरोध प्रदर्शन करने पर किसी भी प्रकार का अनहोनी घटना होती है तो घटना न हो इसकी पूर्ण जिम्मेदार शासन प्रशासन की हो।