ग्रामपंचायत धिरौल के काले कारनामो के दो नमूने मात्र है संदीप पाल,रवि कुमार पाल इन्ही के नाम होता लाखों के फर्जी बिलों का भुगतान - विजय उरमलिया की कलम से

ग्रामपंचायत धिरौल के काले कारनामो के दो नमूने मात्र है संदीप पाल,रवि कुमार पाल इन्ही के नाम होता लाखों के फर्जी बिलों का भुगतान
अनूपपुर - ग्रामपंचायत धिरौल के हालात दिनों दिन भृष्टाचार के दल दल के धँसते चले जा रहे है और यहां के सरपंच और सचिव शिशुपाल सिंह महज रबड़ स्टाम्प है पंचायत तो चलाने वाले यहां के उपसरपंच है और भृष्टाचार करने के लिए मोटर बाइंडिंग के नाम से दुकान चलाने वाले संदीप पाल,रवि कुमार पाल बड़े मोहरे है जहां इनके नाम के फर्जी बिलों पर लगातार लाखों रुपये के भुगतान किए जा रहे है इन दोनों भाइयों का पंचायत से क्या ऐसा सम्बंध है जो बिना किसी दुकान के बिना खरीदी के लाखों रुपये के भुगतान रेत,गिट्टी,सीमेंट,पंचायत भवन मरम्मत के नाम सहित ऐसे कई सामग्रियों के नाम पर लाखों रुपये के फर्जी भुगतान लगातार हो रहे है और जनपद से लेकर जिला पंचायत तक मे से किसी की नजर नही है,दूसरी तरफ साईंकृपा टेडर्स सुखेन्द्र सिंह के नाम पर भी ऐसे ही लगातार लाखो रुपये के भुगतान किए जा रहे है एक तरफ ये सभी मिलकर सरकारी राजस्व को बड़ा चूना लगा रहे है तो दूसरी तरफ पंचायत की राशि जो ग्राम विकास के नाम पर आती है चंद लोग मिलकर डकार रहे है और भृष्टाचार सारी हदें पार कर रहा है,
इस पूरे मामले में हमने यहां पदस्थ सचिव शिशुपाल सिंह से लगातार संपर्क कर बात करने का प्रयास किया मगर इन साहब का नंबर ही नही लगता लगातार नंबर बंद आ रहा है
संदीप पाल,रवि कुमार पाल के अब तक हुए सभी भुगतानों की जांच जिला पंचायत सीईओ तन्मय वशिष्ट को करवानी चाहिए ताकि समय रहते इनके भृष्टाचार पर रोक लग सके दूसरी तरफ जीएसटी डिपार्टमेंट को इनके द्वारा सामग्री खरीदी बिक्री की पूरी जांच कर लाखों रुपये के फर्जी बिलों की सघनता से जांच कर कार्यवाही करना चाहिए
दूसरी तरफ इस तरह के भुगतान इस ओर भी इशारा कर रहे है की कहीं न कहीं जनपद जैतहरी के जिम्मेदार अपने काम के प्रति ईमानदार नही है या फिर इस तरह के फर्जी बिलों के भुगतान पर जनपद की मूक सहमति है